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Ekadashi December 2024 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. हर महीने में दो बार एकादशी आता है. हर एकादशी व्रत का अपना विशेष नाम और खास महत्व है. ऐसा कहा जाता है कि एकादशी का व्रत पूरे विधि-विधान से रखने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है. दिसंबर के महीने में भी दो एकादशी पड़ रहा है. पहला एकादशी व्रत यानी 11 दिसंबर 2024 को मोक्षदा एकादशी व्रत रखा जाएगा. वहीं, दिसंबर में दूसरा एकादशी व्रत यानी सफला एकादशी व्रत 26 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा.
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मोक्षदा एकादशी 2024: तिथि और समय
एकादशी तिथि आरंभ: 11 दिसंबर 2024, प्रातः 03:42 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 12 दिसंबर 2024, सुबह 01:09 बजे
पारण का समय: 12 दिसंबर 2024, सुबह 07:04 बजे से 09:08 बजे तक
पारण दिवस द्वादशी समाप्त: 12 दिसंबर 2024, रात 10:26 बजे
सफला एकादशी 2024: तिथि और समय
दिसंबर में सफला एकादशी का व्रत पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानी 26 दिसंबर के दिन रखा जाएगा. इस व्रत का पारण अगले दिन 7 दिसंबर को सुबह 06:15 मिनट से 08:45 बजे के बीच में किया जाएगा.
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Ekadashi December 2024 : एकादशी के लिए पूजा
- सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें.
- अपने घर और पूजा कक्ष को साफ करें.
- भगवान विष्णु, भगवान कृष्ण या लड्डू गोपाल जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और उन्हें स्नान कराएं.
- यदि आपके पास मूर्ति नहीं है, तो एक लकड़ी के तख्ते पर श्रीयंत्र के साथ भगवान विष्णु की तस्वीर रखें.
- भगवान के सामने देसी घी का दीपक जलाएं और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं.
- माला, मिठाइयाँ, फल और पान, लौंग, इलाइची और सुपारी जैसी वस्तुएँ चढ़ाएँ.
- उनकी दिव्य उपस्थिति को आमंत्रित करने के लिए विष्णु मंत्रों का जाप करें.
- विष्णु सहस्रनाम और श्री हरि स्तोत्र का पाठ करें.
- शाम को फिर से पूजा करें और मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) का महत्व बताएं.
- भगवान विष्णु की आरती करें और उनका आशीर्वाद लें.
यदि आप उपवास कर रहे हैं, तो आप इसे फलों या हल्के पेय जैसे ताजा जूस या नारियल पानी से तोड़ सकते हैं. जो लोग सख्त उपवास करने में असमर्थ हैं, उनके लिए उपवास-अनुकूल खाद्य पदार्थों की अनुमति है. जो भक्त सख्ती से उपवास करते हैं, वे अगले दिन द्वादशी तिथि पर पारण समय के दौरान, सुबह 07:04 बजे से 09:08 बजे के बीच अपना उपवास तोड़ सकते हैं.
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