अमित शर्मा, बैतूल। भले ही विज्ञान कितनी तरक्की कर ले, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास आज भी बरकरार है। ताजा मामला बैतूल का है। यहां बुजुर्ग को पेट में दर्द हुआ तो परिजन भगत के पास लेकर पहुंच गए। भगत ने इलाज के नाम पर बुजुर्ग को पेट को गर्म सरिया से दागा। इससे उसकी हालत और खराब हो गई। हालत बिगड़ने पर परिवार के लोग उसे लेकर बैतूल जिला अस्पताल पहुंचे। फिलहाल बुजुर्ग की हालत स्थिर बनी हुई है।
दरअसल पूरा मामला बैतूल जिले के ग्राम जामठी का है। यहां के रहने वाले बुजुर्ग को पेट में दर्द हुआ तो परिजन भगत भुमका के पास ले गए। भगत ने बुजुर्ग के पेट पर गर्म सरिए से डमा लगा दिया। डमा लगाने के बाद बुजुर्ग की हालत और बिगड़ गई। हालत बिगड़ने पर परिजन बुजुर्ग को लेकर बैतूल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। फिलहाल बुजुर्ग की हालत स्थिर बनी हुई है।
जानिए क्या है डमा लगवाना
बता दें कि गर्म सरिए से शरीर पर दाग लगाने को डमा लगाना कहा जाता है। ग्रामीण इलाकों में मौसमी बीमारियों के समय बढ़ जाती है। लोग अनपढ़ और जानकारी के अभाव में इसे भूत-प्रेत का साया समझ बैठेत हैं। इसके बाद अगर बुखार भी आता है तो भगत के पास इलाज करवाने पहुंच जाता हैं। इससे उनकी जान का खतरा बन जाता है। जागरूकता के अभाव में आदिवासी क्षेत्रों के लोग भगत भुमका से डमा लगवाते हैं।
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