UP Corona Case. देश में कोरोना (Corona) ने कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। कोरोना अब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. अब तक देश में कोरोना से 10 लोगों की मौत (10 people died due to corona) हो चुकी है. इनमें से आठ की मौत एक हफ्ते के भीतर हुई है. सबसे ज्यादा कोरोना से पांच मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामले बढ़ रहें हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10 नए मामले सामने आए हैं.

जानकारी के मुताबिक लखनऊ में एक बुजुर्ग में संक्रमण की पुष्टि हुई है. करीब 10 दिन पहले धार्मिक यात्रा से लौटे बुजुर्ग की तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने पीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया था. SGPGI लखनऊ में मंगलवार को मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इस समय कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या 14 पर पहुंच गई है. जिसमें से 13 मरीज होम आइसोलेशन में है और एक अस्पताल में भर्ती है. गाजियाबाद में 4 महीने का शिशु भी कोरोना पॉजिटिव निकला है.

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वहीं नोएडा में भी कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, इस समय नोएडा में कोरोना के 10 मामले एक्टिव हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने साफ तौर पर कहा है कि इस बार के कोविड से ज्यादा खतरा लोगों को नहीं है. लेकिन शहर में बढ़ रहे कोरोना के मामलों पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी से अपील की है कि वह सतर्कता बरतें.

देशभर में कितने मामले?

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से कोविड के नए आंकड़ों के मुताबिक देशभर में कोविड के 1,009 मामले हैं, जिनमें केरल (430), महाराष्ट्र (209) और दिल्ली (104) में मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र (4), केरल (2) और कर्नाटक (1) में सात मौतें भी हुई हैं.

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नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 ने भारत में मचाया तहलका

भारत में मिले कोरोना के दो नए वेरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 ओमिक्रॉन के ही सब-वैरिएंट हैं, जो 2022 तक सक्रिय था. NB.1.8.1, JN.1 वैरिएंट का ही वंशज है. जबकि LF.7 इससे संबंधित एक अन्य सब-वैरिएंट है. ये वैरिएंट वायरस के स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन लेकर आते हैं, जो इसे मनुष्यों में आसानी से फैलने में मदद करते हैं.

NB.1.8.1 और LF.7 ओमिक्रॉन के ही सब-वैरिएंट

NB.1.8.1 और LF.7 ओमिक्रॉन के ही सब-वैरिएंट हैं, जो 2022 तक सक्रिय था. NB.1.8.1, JN.1 वैरिएंट का ही वंशज है. जबकि LF.7 इससे संबंधित एक अन्य सब-वैरिएंट है. ये वैरिएंट वायरस के स्पाइक प्रोटीन में कई म्यूटेशन लेकर आते हैं, जो इसे मनुष्यों में आसानी से फैलने में मदद करते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का प्रारंभिक आकलन एनबी.1.8.1 वैरिएंट को स्वास्थ्य के लिए कम जोखिम वाला मानता है. हालांकि, इसके स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन – A435S, V445H और T478I- अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक हैं और इम्युनिटी को बायपास करने क्षमता का रखते हैं. दुनिया भर में, NB.1.8.1 का पता एशिया, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया सहित 20 से अधिक देशों में लगाया गया है.