नई दिल्ली- कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी बताकर सियासी फायदा जुटाने की कवायद में जुटी बीजेपी को एआईसीसी ने झटका दिया है. आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने दुर्ग लोकसभा के सांसद ताम्रध्वज साहू को ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. वहीं नितिन राउत एससी विभाग के अध्यक्ष बनाए गए हैं.

ताम्रध्वज साहू को एआईसीसी के ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के सियासी मायने भी है. दरअसल छत्तीसगढ़ में ओबीसी वोट डिसाइडिंग वोट माना जाता है. राज्य में ओबीसी वर्ग का वोट बैंक 52 फीसदी है. ऐसे में ताम्रध्वज साहू को दी गई जिम्मेदारी के जरिए राज्य में कांग्रेस यह बताकर सियासी फायदा ढूंढने की कोशिश करेगी कि ओबीसी वर्ग की हितैषी है.
मोदी सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की कोशिशों के बीच राज्यसभा में कांग्रेस के विरोध के बाद बिल खारिज होने के बाद से ही बीजेपी कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग विरोधी बताकर सियासी माइलेज लेने की कोशिश करती रही है. छत्तीसगढ़ में बीजेपी प्रदेश संगठन ने बकायदा इसे लेकर कैंपेन चलाने की भी रणनीति तैयार की थी. हालांकि अब जब ताम्रध्वज साहू को एआईसीसी में ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है, तो कांग्रेस इस मुद्दे पर बीजेपी पर पलटवार कर सकती है.
हाल ही में राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने बीजेपी के लिए एकतरफा मैदान खाली नहीं छोड़ा और साहू समाज के चेहरे पूर्व विधायक रहे लेखराम साहू को मैदान में उतारा. भले ही लेखराम साहू बीजेपी के बहुमत के आगे चुनावी नतीजों में औंधेंमुंह गिरे, बावजूद कांग्रेस चुनाव में मिली हार को अपनी ऱणनीतिक जीत बता रही है.
एआईसीसी में ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सांसद ताम्रध्वज साहू ने लल्लूराम डाॅट काम से बातचीत में कहा कि –
राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुझ पर बड़ा विश्वास जताया है. इस विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा. मेरी पहली प्राथमिकता पिछड़ा वर्ग के संगठन को सभी प्रदेशों में मजबूत करने की होगी. मैं पिछड़ा वर्ग समाज को एकजुट करने का प्रयास करूंगा. जाहिर तौर पर एक तरीके से यह साहू समाज का सम्मान भी बढ़ा है. हालांकि मेरी भूमिका किसी समाज विशेष के तौर पर नहीं बल्कि पिछडा़ वर्ग के नेतृत्वकर्ता की रहेगी. मैं राहुल गांधी जी को इसके लिए धन्यवाद देता हूं.