रायपुर। छत्तीगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ ही महीनों का वक्त बचा हुआ है. वहीं प्रदेश में चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. प्रदेश में अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के राजनेताओं का आने जाने का दौर भी शुरू हो चुका है. तो वहीं सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. भाजपा वरिष्ठ नेता और विधायक अजय चंद्राकर ने कांग्रेस को आरोप पत्र पर खुली बहस के लिए चैलेंज किया है. वहीं चंद्राकर के चैलेंज पर मंत्री कवासी लखमा ने पलटवार करते हुए कहा कि मैं अजय चंद्राकर को खुली चुनौती देता हूं, मेरे साथ राजभवन चले, आरक्षण के मुद्दे पर बात करें. हम आदिवासी उन्हें उठाकर ले जाएंगे, उन्हें पैदल भी जाने की जरूरत नहीं है. अगर वो ऐसा करते हैं तो कांग्रेस के विरोध में उनके लिए चुनाव प्रचार भी करूंगा.

चंद्राकर का खड़गे के दौरे को लेकर तंज और कांग्रेस को चैलेंज

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दौरे पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेसियों को खड़गे से मतलब नहीं है. वो प्रतीकात्मक अध्यक्ष है. कांग्रेसी गांधी परिवार के लिए जितनी तैयारी करते है उतनी तैयारी खड़गे के लिए करेंगे क्या ? खड़गे के दोनों कार्यक्रम असफल हुए है. उनके आने से वोट नहीं बढ़ेगा.

आरोप पत्र को लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान पर अजय चंद्राकर ने कहा कि हम सीरियस है या नहीं अलग विषय है. बिंदु पर बहस करने कांग्रेस तैयार है. क्या, शैलजा जी तैयार है क्या ? बिंदुवार बहस के लिए हम तैयार है. उनके घोषणा पत्र और हमारे आरोप पत्र पर खुला बहस हो जाए. आरोप पत्र पर भरोसा है कि नहीं परिणाम के बाद दिखेगा. भाजपा की चुनौती है बहस स्वीकार करे.

बीजेपी द्वारा निकाली जा रही यात्रा पर चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पंद्रह साल में हमने जो किया और मोदी जी के दस साल के काम साथ ही जनघोषणा पत्र के नाम से ठगा गया. इसके अलावा आरोप पत्र को लेकर जनता तक जाएंगे.

कांग्रेस में दावेदारो की भीड़ पर अजय चंद्राकर ने कहा कांग्रेस में जिस तरह विधायक बनकर इनकम हुई तो विधायक पद और मंत्री पद का आकर्षण बढ़ा है. वो जनसेवा के लिए नहीं आ रहे है. चकाचौंध बढ़ा है उससे आकर्षित हुए है.

मंत्री कवासी लखमा का चंद्राकर पर पलटवार और चैलेंज

मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर अजय चंद्राकर के दिये बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. मंत्री कवासी लखमा ने पलटवार करते हुए कहा कि अजय चंद्राकर का खुद का ठिकाना नहीं है,खड़गे के बराबर न मैं हूं न अजय चंद्राकर. खड़गे लंबा राजनीति जीवन जीने वाला आदमी हैं, खड़गे बीजेपी के नाक में दम रखने वाले आदमी है. उन्हें राहुल गांधी भी पहले कुर्सी में बैठाते हैं. उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ. खड़गे दलित वर्ग से आए हुए हैं, वो इतना ऊपर कैसे पहुंचे इस बात को लेकर अजय चंद्राकर के पेट में दर्द है.

अजय चंद्राकर के खुली बहस वाले बयान पर मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मैं अजय चंद्राकर को खुली चुनौती देता हूं, मेरे साथ राजभवन चले, आरक्षण के मुद्दे पर बात करें. हम आदिवासी उन्हे उठाकर ले जाएंगे उन्हे पैदल भी जाने की जरूरत नहीं. उन्हें इतना ही दु:ख है तो चलें, राज्यपाल थोड़ा कम सुनते हैं वो सच में छत्तीसगढ़ की बात करते हैं, तो चले राजभवन. भगवान से हाथ जोड़कर पूजा पाठ कर उनके लिए टिकट भी मांगूंगा. कांग्रेस के विरोध में उनके लिए चुनाव प्रचार भी करूंगा पर वो राज्यपाल के पास चलें आरक्षण के मुद्दे पर बात करें. वे क्यों डरते हैं, पार्टी बड़ा नहीं हैं, समाज बड़ा है.

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