दिल्ली. इस बार चुनाव के नतीजे में देरी हो सकती है। इसके पीछे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस की वह मांग मान ली है जिसमें उसने वोटों की गिनती के दौरान हर राउंड के पश्चात परिणाम की जानकारी लिखित में देने की बात कही थी।
यह प्रक्रिया केवल मध्य प्रदेश में ही लागू नहीं बल्कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में भी अपनाई जाएगी। इस बाबत चुनाव आयोग शनिवार को दिल्ली से आदेश भी जारी कर चुका है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों ने इस बार ईवीएम मुद्दे पर सवाल उठाए हैं, जिनपर गौर करते हुए ही चुनाव आयोग ने यह अहम फैसला लिया है। बताना चाहेंगे कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस पिछले 15 साल से विपक्ष में बैठी है।
यही कारण है कि इसबार ईवीएम पर सवाल उठाए गए हैं और परिणाम लिखित में जारी करने की मांग की गई है। ठीक इसी प्रकार से भाजपा की ओर से भी यही मांग की गई है। 11 दिसंबर को मतों की गिनती होगी।
ज्ञात हो इस बार मध्यप्रदेश में चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेशभर से ईवीएम को लेकर विवाद की खबरें सामने आई। बाद में कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया। कांग्रेस ने ईवीएम की सुरक्षा और स्ट्रांग रूम में रखरखाव को लेकर आयोग से शिकायत दर्ज कराई।