Election Commission of India SIR Update: नई दिल्ली. भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को मतदाता सूची की सफाई और अद्यतन प्रक्रिया के दूसरे चरण की घोषणा की है. इसे “स्पेशल इंटेंसिव रिविजन” (SIR) कहा जा रहा है. इस अभियान का उद्देश्य देशभर में मतदाता सूचियों को पूरी तरह से दुरुस्त करना है ताकि किसी भी तरह की त्रुटि या दोहराव को हटाया जा सके.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि यह चरण करीब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जाएगा. इन राज्यों में वे क्षेत्र शामिल हैं, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
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CEC ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “स्पेशल इंटेंसिव रिविजन का दूसरा चरण अब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा.” उन्होंने बिहार के मतदाताओं को बधाई दी, जहां यह प्रक्रिया बिना किसी अपील के सफलतापूर्वक पूरी हुई. बिहार की अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी की गई थी, जिसमें लगभग 7.42 करोड़ नाम शामिल थे.
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आज़ादी के बाद यह SIR अभ्यास देश में नौवीं बार किया जा रहा है. पिछली बार यह 2002 से 2004 के बीच हुआ था. उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक दल लगातार मतदाता सूचियों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते रहे हैं, इसलिए इस बार आयोग ने विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है. इसके लिए आयोग ने देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ दो बैठकों का आयोजन किया है ताकि प्रक्रिया का रोडमैप तय किया जा सके.
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SIR का मुख्य उद्देश्य: सटीक और स्वच्छ मतदाता सूची तैयार करना
चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का लक्ष्य है, “कोई पात्र नागरिक छूटे नहीं और कोई अपात्र व्यक्ति शामिल न हो.” पिछले कई वर्षों में गलतियों और बदलावों के कारण कई समस्याएं सामने आई हैं, जैसे कि:
- बार-बार पलायन की वजह से एक ही व्यक्ति का नाम कई जगह दर्ज होना.
- मृत मतदाताओं के नाम सूची से न हटना.
- विदेशी नागरिकों का गलती से शामिल हो जाना.
CEC ने बताया कि जिन राज्यों में यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है, वहां की मतदाता सूचियां सोमवार आधी रात से फ्रीज कर दी जाएंगी. इसके बाद प्रत्येक मतदाता को एक विशेष एन्यूमरेशन फॉर्म दिया जाएगा जिसमें उसकी सभी जानकारियां दर्ज होंगी.
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प्रक्रिया कैसे चलेगी (Election Commission of India SIR Update)
इस संशोधन अभियान में कई स्तरों पर अधिकारी काम करेंगे. सबसे पहले इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO), जो उपमंडल मजिस्ट्रेट स्तर का अधिकारी होता है, वह ड्राफ्ट रोल तैयार करेगा, आपत्तियां सुनेगा और अंतिम सूची जारी करेगा.
वहीं बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) जो लगभग हर 1000 मतदाताओं के लिए नियुक्त किया जाएगा मतदाताओं के घर जाकर तीन बार विजिट करेगा. वह मतदाता की पहचान की जांच करेगा और पुराने रिकॉर्ड से उनका मिलान करेगा. BLO यह भी सुनिश्चित करेगा कि जो मतदाता स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं या जिनका निधन हो चुका है, उनके नाम सूची से हटाए जाएं.
अगर किसी व्यक्ति को ERO के निर्णय पर आपत्ति होती है, तो वह पहले जिला मजिस्ट्रेट के पास अपील कर सकता है. दूसरी अपील राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास की जाएगी.
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (Booth Level Agents – BLA) को भी प्रक्रिया में शामिल किया गया है. वे हर दिन 50 प्रमाणित एन्यूमरेशन फॉर्म जमा कर सकेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे.
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किन राज्यों में होगा संशोधन अभियान
सूत्रों के अनुसार, इस बार के चरण में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी जैसे राज्य शामिल हो सकते हैं. इन सभी राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. इसलिए यह संशोधन भविष्य की मतदाता सूचियों का आधार बनेगा.
बिहार में यह प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, और वहां की अंतिम सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की गई थी.
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या होने वाले हैं, वहां फिलहाल SIR अभियान नहीं चलेगा ताकि प्रशासनिक बोझ न बढ़े. वहां यह प्रक्रिया बाद के चरणों में की जाएगी.
विदेशी अवैध प्रवासियों पर खास नजर (Election Commission of India SIR Update)
चुनाव आयोग ने कहा है कि इस संशोधन अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू अवैध विदेशी मतदाताओं की पहचान करना भी होगा. इसके तहत हर व्यक्ति के जन्म स्थान की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई विदेशी नागरिक सूची में शामिल न हो. यह कदम खास तौर पर बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों पर की जा रही कार्रवाइयों के बीच अहम माना जा रहा है.
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