पटना/नई दिल्ली। देशभर में मतदाता सूची को लेकर मचे बवाल के बीच चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट में बड़ा बयान दिया है। आयोग ने कहा कि अब पूरे देश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जाएगा ताकि मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके। चुनाव आयोग ने अदालत में साफ कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां मतदाता सूची को लेकर जनता के बीच भ्रम फैलाने का काम कर रही हैं।

आयोग ने कहा, कुछ दल पारदर्शिता लाने में सहयोग करने के बजाय कहानी गढ़ने में लगे हैं। मतदाताओं के नाम मनमाने तरीके से नहीं, बल्कि सत्यापन की प्रक्रिया के बाद ही हटाए गए हैं। इसके साथ ही आयोग ने एक याचिकाकर्ता के हलफनामे को झूठा बताया जिसमें दावा किया गया था कि ड्राफ्ट रोल में शामिल होने के बाद उसका नाम अंतिम सूची से हटा दिया गया।

आयोग ने समस्या बढ़ाई, घटाई नहीं

इससे पहले 7 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ECI पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि आयोग ने मतदाता सूची को साफ करने के बजाय स्थिति को और जटिल बना दिया है।भूषण ने तर्क दिया कि आयोग ने अपने दिशा-निर्देशों के अनुसार वेबसाइट पर पूरी जानकारी अपलोड नहीं की, जिससे पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने अदालत के सामने 65 लोगों की सूची भी पेश की और कहा कि ये सभी हलफनामा दाखिल करने को तैयार हैं।

3.66 लाख नाम हटे, किसी को नोटिस नहीं मिला

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अदालत में कहा कि चुनाव आयोग ने जिन 3.66 लाख मतदाताओं के नाम हटाए हैं, उन्हें न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई कारण बताया गया। उन्होंने कहा कि माननीय अदालत ने निर्देश दिए थे कि जिलों में नामों की सूची सार्वजनिक की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।किसी ने शिकायत की?

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आयोग से पूछा कि जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं क्या उनमें से किसी ने कोई शिकायत दर्ज कराई है? इस पर आयोग ने जवाब दिया कि नहीं किसी ने कोई औपचारिक शिकायत नहीं की है।

इसके बाद कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया कि वह उन 3.66 लाख मतदाताओं की पूरी जानकारी प्रस्तुत करे जिनके नाम सूची से हटाए गए हैं। जवाब में चुनाव आयोग ने बताया कि अंतिम सूची में ज्यादातर नए मतदाता जोड़े गए हैं, जिनमें कुछ पुराने नाम भी शामिल हैं।

देशभर में अब होगी नई समीक्षा प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट में हुई इस सुनवाई के बाद अब चुनाव आयोग देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) कराने जा रहा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से न हटाया जाए और जो नए पात्र नागरिक हैं उन्हें सूची में शामिल किया जाए।

राजनीतिक दलों के आरोपों और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बीच अब ECI की यह नई पहल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए अहम मानी जा रही है।

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