लोकसभा चुनाव 2024 में सांप्रदायिक आधार पर वोटों की अपील करने और सुरक्षा बलों के नाम पर मतदाताओं को रिझाने पर चुनाव आयोग ने ऐतराज जताया है. आयोग ने इस सिलसिले में भाजपा और कांग्रेस को नसीहत दी है कि वे ऐसा करने से बचें. आयोग ने कांग्रेस को कहा है कि वह डिफेंस फोर्सेज का राजनीतिकरण न करे. इसके अलावा सुरक्षा बलों में सामाजिक-आर्थिक विविधता के बारे में भी टिप्पणी न करने को कहा गया है. चुनाव आयोग ने भाजपा को भी सलाह दी है कि वह धार्मिक आधार पर चुनाव प्रचार न करे.
निर्वाचन आयोग ने भाजपा एवं उसके स्टार प्रचारकों को धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर चुनाव प्रचार करने से दूर रहने का निर्देश दिया. वहीं कांग्रेस से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उसके स्टार प्रचारक ऐसे बयान नहीं दें जिससे यह गलत धारणा बने कि भारत के संविधान को खत्म किया जा सकता है. चुनाव आयोग की ओर से यह नोटिस भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस के मुखिया मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे गए हैं. दोनों ही दलों से कहा गया है कि वे अपने स्टार प्रचारकों को हिदायत दें कि सेना और धार्मिक मसलों को राजनीति में न घसीटें. आयोग ने दोनों दलों को ध्यान दिलाया है कि वे जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीय आधार पर टिप्पणियां न करें.
आयोग ने दोनों दलों के स्टार प्रचारकों से कहा है कि वे कैंपेन में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने वाली बातें न कहें. यही नहीं संविधान को खत्म किया जा रहा है या बेचा जा रहा है, जैसी बातें कहने के लिए कांग्रेस को भी फटकार लगाई है और आगे से ऐसा न करने को कहा है. यही नहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार सेना में भर्ती के लिए बनी अग्निवीर स्कीम पर टिप्पणी की है. आयोग ने इस पर भी आपत्ति जाहिर की है और कांग्रेस से कहा है कि वह सुरक्षा बलों का राजनीतिकरण न करे.
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