नई दिल्ली। पांच अगस्त को लेकर अयोध्या में श्रीराम के मंदिर का शिलान्यास ही नहीं होना है, बल्कि इस दिन श्रीलंका में आम चुनाव भी होने जा रहा है. 225 सदस्यों वाले संसद के लिए वर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्रीलंका पीपुल्स फ्रीडम एलायंस और पूर्व प्रधानमंत्री रनिला विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली युनाईटेड नेशनल पार्टी के बीच मुकाबला है.

वर्तमान प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के नेतृत्व वाली श्री लंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) श्रीलंका फ्रीडम पार्टी और अन्य 15 छोटे दलों से मिलकर बनाई गई श्रीलंका पीपुल्स फ्रीडम एलायंस के बैनर तले बहुमत हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं, तो दूसरी ओर पिछले चुनाव में 106 सीट जीतने वाली पूर्व प्रधानमंत्री रनिवा विक्रमसिंघे के नेतृत्व वाली युनाईटेड नेशनल पार्टी अपनी बढ़त को बरकरार रखने का प्रयास कर रही है. इन दोनों पार्टियों के अलावा अन्य दल भी चुनाव मैदान में है, जिनमें वर्तमान नेता प्रतिपक्ष सजिथ प्रेमदासा द्वारा गठित की गई सागामी जना वालाविगया, आर संपथन के नेतृत्व वाली तमिल नेशनल एलायंस और अनुरा कुमारा दिशानायके के नेतृत्व वाली नेशनल पीपुल्स पावर शामिल है.

श्रीलंका का संसद भवन

कोरोना की वजह से दो बार बढ़ाई जा चुकी है तारीख

राष्ट्रपति गोयाबाया राजपक्षे ने 3 मार्च को संसद को भंग करते हुए 25 अप्रैल को चुनाव कराए जाने की घोषणा की थी. लेकिन कोरोना की वजह से श्रीलंका चुनाव आयोग ने चुनाव को स्थगित कर दिया. 20 अप्रैल को चुनाव आयोग ने 20 जून को चुनाव कराए जाने की घोषणा की. इसके खिलाफ अनेक दल और प्रतिष्ठित लोग सुप्रीम कोर्ट चले गए, जिसके बाद 20 मई को चुनाव आयोग ने भी 20 जून को चुनाव कराने में असमर्थतता जता दी. इसके बाद 10 जून को आयोग ने 5 अगस्त को नया चुनाव की घोषणा की.