बिलासपुर। छग उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी के निर्वाचन को संघ की अपील समिति ने शून्य घोषित करते हुए पवन श्रीवास्तव को निर्वाचित घोषित किया. इसके साथ ही आदेश के पालन के लिए अधिवक्ता परिषद को निर्देशित किया है.

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों के लिए 15 अक्टूबर 2019 को मतदान हुआ था. अगले दिन मतगणना के बाद कोषाध्यक्ष पद पर अनिल त्रिपाठी को निर्वाचित घोषित किया गया था. इस फैसले के विरुद्ध पवन श्रीवास्तव ने संघ की अपील समिति के समक्ष आवेदन की थी.

आवेदक ने अपील समिति के समक्ष दिए अपने आवेदन में अधिवक्ता परिषद पर उच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद 80-92 मतदाताओं का नाम जोड़ने की कोई कार्रवाई नहीं की, जिनमें उच्च न्यायालय में नियमित रूप से वकालत करने वाले वरिष्ठ एवं अन्य अधिवक्ता शामिल थे. इन अधिवक्ताओं ने मतदान से पहले आपत्ति दर्ज कराते हुए मताधिकार का प्रयोग करने की मांग की थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें मतदान से वंचित कर दिया गया. वहीं जिन अधिवक्ताओं का नाम जोड़ा गया, उनकी जांच नहीं की गई. इन कमियों के बावजूद मतदान की प्रक्रिया को 15 अक्टूबर 2019 को संपन्न कराया गया.

यही नहीं कोषाध्यक्ष के लिए मतगणना में आवेदक और अनावेदक अनिल त्रिपाठी के समान मत 225-225 पाए गए थे, लेकिन एक मत को पहले डाक मत फिर अध्यक्ष की पेटी से निकला बताकर अनावेदक को 226 मत होना बताया गया. इस पर आवेदन के लिखित आपत्ति दर्ज की गई, लेकिन आवेदक को अपील समिति में अपील प्रस्तुत करने की सलाह देते हुए अनिल त्रिपाठी को विजयी घोषित कर दिया गया.

सदस्य केए अंसारी, योगेशचंद्र शर्मा, रणबीर सिंह मरहास की समिति ने सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी के चुनाव को निरस्त करते हुए अधिकतम मत प्राप्त करने पर पवन श्रीवास्तव को निर्वाचित घोषित किया. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ को यथोचित कार्रवाई कर आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा.