कुमार इंदर,जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद छतरपुर जिला निर्वाचन अधिकारी को ना केवल अपना फैसला बदलना पड़ा, बल्कि प्रत्याशी का खारिज नामांकन पत्र फिर से मान्य करना पड़ा. दरअसल छतरपुर जिले के वार्ड क्रमांक 7 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह के नामांकन फार्म को उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने पंचायती राज अधिनियम की धारा-36 के तहत निरस्त कर दिया था. प्रत्याशी ने इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती दी. मामले में सुनवाई के बाद निर्वाचन आयोग ने अपनी गलती मानी और खारिज हुए पर्चे को मान्य किया.

छतरपुर निवासी ने लगाई थी याचिका

छतरपुर जिला निवासी विजय प्रताप सिंह ने 4 जून 2022 को जिला पंचायत सदस्य का नामाकंन फार्म भरा था. जिस पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने खामियां बताते हुए रद्द कर दिया. याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी लेकिन वहां से भी मदद नहीं मिली, तो हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. याचिकाकर्ता के वकील सत्येंद्र ज्योतिषी ने हाई कोर्ट को बताया कि अगर निर्देशन पत्र में कुछ गलतियां थी, तो निर्वाचन अधिकारी का दायित्व बनता है कि उसे सुधारने य दस्तावेजों को प्रदान करने का मौका दे. लेकिन उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने ऐसा नहीं किया और नामांकन पत्र 7 जून को निरस्त कर दिया.

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद आयोग ने मानी गलती

याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मुख्य निर्वाचन आयोग को आदेशित किया कि चुनाव अधिकारी को हटाया जाए और आवेदक के आवेदन पर विचार किया जाए. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कलेक्टर को आदेशित किया कि प्रत्याशी को चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए. वही हाईकोर्ट की सख्ती के बाद निर्वाचन आयोग ने उप जिला निर्वाचन अधिकारी को भी हटा दिया है.

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