हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने इस बार के लोकसभा चुनाव में एक रिकॉर्ड बनाया है। इंदौर की जनता ने नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प चुनकर नया रिकॉर्ड बनाया है। यहां नोटा को अब तक के सबसे अधिक मत एक लाख 35 हजार 095 (135095) मिलने का रिकॉर्ड बन गया है। यहां से बीजेपी के प्रत्याशी शंकर लालवानी को 6,49,278 और नोटा को 135095 मिले। शंकर लालवानी 537587 की लीड पर रहे है।
तोड़ा खुद का रिकॉर्ड
सासंद शंकर लालवानी ने इस चुनाव में अपने खुद का रिकॉर्ड तोड़ा है। पिछले लोकसभा चुनाव में लालवानी साढ़े पांच लाख वोटों से जीते थे। अभी तक उन्होंने 7 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए है। बीजेपी ने इंदौर में आठ लाख से ज्यादा वोटों से जीतने का दावा किया था।
अभी तक बिहार के गोपालगंज के नाम था रिकॉर्ड
देश में नोटा के पक्ष में सर्वाधिक वोट 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार के गोपालगंज का रहा है। वहां के मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में 51607 वोट दिए थे। अब इंदौर लोकसभा सीट ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया है। अब तक के मतदान रिकॉर्ड और रुझानों को देखकर लग रहा है कि नोटा को मिलने वाले वोट डेढ़ लाख से ऊपर भी जा सकते हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी ने अचानक लिया नाम वापस
बता दें कि इंदौर में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होकर सबको चौंका दिया था। उनके नाम वापसी के बाद कांग्रेस ने मतदाताओं से अपील की थी कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर ‘नोटा’ का बटन दबाकर बीजेपी को सबक सिखाएं। यहां 13 मई को हुए मतदान में कुल 25.27 लाख मतदाताओं में से 61.75 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला। इस सीट पर कुल 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।
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