रायपुर। अग्रवाल सभा की आमसभा 28 अगस्त को होने जा रही है. आयोजन की घोषणा के साथ ही संगठन चुनाव की सुगबुगाहट के साथ 11 हजार से अधिक नए सदस्यों वाला यह संगठन दो गुटों में बंट गया है. इसमें से एक गुट (सुरेश गोयल) आम सहमति की बात कह रहा है, तो दूसरा गुट (विजय अग्रवाल) वोटिंग की बात कह रहा है.

जानकारों के अनुसार, अग्रवाल सभा में चुनाव की संभावना को देखते हुए उपाध्यक्ष रामावतार अग्रवाल के गुट ने मौजूदा चुनावी प्रकिया के खिलाफ रजिस्ट्रार ऑफ फर्स एंड सोसायटी से शिकायत की है, वहीं विजय अग्रवाल गुट ने भी चुनावी प्रक्रिया को जारी रखने के लिए कैविएट लगा दिया है. इस पर 12 अगस्त को सुनवाई होनी है. सुनवाई में होने वाले फैसले से 28 अगस्त को होने वाली आमसभा के लिए दोनों की गुटों के लिए रास्ता साफ हो जाएगा.

संगठन की आमसभा और चुनाव की सुगबुगाहट को लेकर अग्रवाल समाज के महामंत्री विजय अग्रवाल ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में कहा कि हमें इस बात का अहसास था कि कुछ लोग उल्टी-सीधी हरकत कर सकते हैं, इसलिए कैविएट लगाया गया था. बीते 18-19 सालों से समाज में सदस्यता अभियान नहीं चलाया गया था. इसकी जानकारी होने पर सदस्यता अभियान शुरू करते हुए डेढ़ महीने के भीतर 11 हजार लोगों को सदस्यता दिलवाई गई है.

उन्होंने कहा कि समाज की कार्यकारिणी का कार्यकाल 2020 में खत्म हो चुका है. लेकिन कोरोना की वजह से कार्यकाल जारी है. आमसभा में नई कार्यकारिणी को लेकर कवायद की जाएगी. सर्वसम्मति से चयन हो तो अच्छा है. लेकिन कुछ लोग संविधान को ताक पर रखकर कार्यकारी अध्यक्ष बनने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. सर्वसम्मति पर बात नहीं बनती है तो चुनाव के जरिए पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा.

वहीं इस मामले में अग्रवाल समाज के संगठन मंत्री चिमन अग्रवाल ने लल्लूराम डॉट कॉम को चर्चा में बताया कि अग्रवाल समाज में अब दो गुट आमने सामने हो गए हैं. हम भी चाहतें है कि चुनाव सर्वसम्मति से होना चाहिए.

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