चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बनाई गई सामग्री का उपयोग कर भारत में चुनावों को बाधित करने का प्रयास करेगा. अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने यह चेतावनी दी है. माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन और उत्तर कोरिया द्वारा समर्थित साइबर समूह 2024 में दुनियाभर के हाई-प्रोफाइल चुनावों को निशाना बना सकते हैं. इनमें इस वर्ष होने वाले भारत, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के चुनाव भी शामिल हैं.

चुनाव को बाधित करने की आशंका क्यों?

 माइक्रोसॉफ्ट ने ऐसा अंदेशा इसलिए जताया है, क्योंकि चीन, ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा कर चुका है. कंपनी ने कहा कि ताइवान में एआई-निर्मित सामग्री का प्रभाव मामूली था, लेकिन इसका प्रभाव व्यापक भी हो सकता है. चीन ने जनवरी में ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में एआई-जनित दुष्प्रचार अभियान चलाया था. ऐसा पहली बार हुआ, जब सरकार समर्थित यूनिट ने विदेशी चुनाव को प्रभावित करने के लिए एआई-निर्मित सामग्री का उपयोग किया.

अमेरिका में जारी हैं प्रयास रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग समर्थित समूह अमेरिकी मतदाताओं को विभाजित करने वाले मुद्दों को समझने के लिए सोशल मीडिया खातों का उपयोग कर रहा है. एक्स पर एक पोस्ट में अमेरिका में 118 अरब डॉलर के द्विदलीय बिल का उल्लेख किया गया था, जिसमें यूएस-मेक्सिको सीमा पर 20 अरब डॉलर के निवेश को यूक्रेन और इजरायल के लिए 75 अरब डॉलर के पैकेज के साथ जोड़ा गया था. पिछले महीने अमेरिका, ब्रिटेन की सरकारों ने नेताओं, पत्रकारों तथा व्यवसायियों को चीन के हैकरों द्वारा निशाना बनाने का आरोप लगाया था. बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट की थ्रेट इंटेलिजेंस टीम समय-समय पर एआई के खतरों पर रिपोर्ट जारी करती है.