Electric Vehicles AVAS Rule: नई दिल्ली. भारत सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर एक अहम बदलाव करने जा रही है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक नया नियम प्रस्तावित किया है, जिसके तहत सभी इलेक्ट्रिक कार, बस और ट्रक में Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) लगाना अनिवार्य होगा. यह नियम चरणबद्ध तरीके से लागू होगा और अक्टूबर 2027 से पूरी तरह से अनिवार्य हो जाएगा.
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क्यों जरूरी है AVAS सिस्टम? (Electric Vehicles AVAS Rule)
इलेक्ट्रिक वाहन (EVs) पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में बहुत शांत चलते हैं. कई बार ये इतने साइलेंट होते हैं कि पैदल यात्री या साइकिल चालक समय रहते इनकी मौजूदगी को महसूस ही नहीं कर पाते. इससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में सरकार चाहती है कि कम रफ्तार पर भी इलेक्ट्रिक वाहन एक खास ध्वनि निकालें, ताकि लोग आसानी से पहचान सकें कि कोई वाहन पास आ रहा है.
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कब से लागू होगा नियम? (Electric Vehicles AVAS Rule)
- अक्टूबर 2026 से बाजार में आने वाले सभी नए इलेक्ट्रिक यात्री वाहन और कमर्शियल वाहन (M और N कैटेगरी) में AVAS सिस्टम लगाना जरूरी होगा.
- अक्टूबर 2027 से पहले से मौजूद इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी यह फीचर शामिल करना अनिवार्य होगा. यानी पुराने मॉडल्स में भी यह बदलाव करना होगा.
- यह सिस्टम AIS-173 मानक के अनुसार फिट किया जाएगा.
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AVAS सिस्टम कैसे काम करता है? (Electric Vehicles AVAS Rule)
- AVAS एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक अलर्ट सिस्टम है.
- यह वाहन के 20 किमी/घंटा तक की रफ्तार पर अपने आप एक्टिव हो जाता है.
- सिस्टम आर्टिफिशियल साउंड पैदा करता है, जिससे पैदल यात्री, साइकिल सवार और अन्य लोग तुरंत समझ जाएं कि पास में गाड़ी है.
- 20 किमी/घंटा से ऊपर स्पीड पर टायर और हवा की आवाज पर्याप्त होती है, इसलिए वहां AVAS की जरूरत नहीं रहती.
टायर से जुड़ा नया नियम (Electric Vehicles AVAS Rule)
मंत्रालय ने एक और बदलाव का प्रस्ताव रखा है. अब ट्यूबलेस टायर वाले वाहनों, जैसे कार, ऑटो रिक्शा और क्वाड्रिसाइकिल, में स्पेयर टायर (Stepney) रखना अनिवार्य नहीं होगा. यानी ग्राहकों को अब हर बार गाड़ी के साथ एक अतिरिक्त टायर रखने की बाध्यता से राहत मिलेगी.
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इसका असर आप पर क्या होगा? (Electric Vehicles AVAS Rule)
- इलेक्ट्रिक वाहनों की सुरक्षा और बढ़ेगी.
- पैदल यात्रियों और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सड़कें और सुरक्षित बनेंगी.
- गाड़ियों की कीमत पर थोड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि कंपनियों को नया सिस्टम जोड़ना होगा.
- वहीं, ट्यूबलेस टायर वाले वाहनों के लिए स्पेयर टायर की अनिवार्यता खत्म होने से गाड़ियों का वजन और कीमत दोनों कुछ हद तक कम हो सकती है.
यह नियम आने वाले समय में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सुरक्षा और उपयोगिता को और मजबूत करेगा. सरकार का मानना है कि इस फैसले से EV सेफ्टी को लेकर लोगों का भरोसा बढ़ेगा और सड़क हादसों में कमी आएगी.
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