बिलासपुर। जिले में बिजली बिल की बकाया राशि ने 100 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर दिया है। छह माह पहले विभाग को उपभोक्ताओं से 90 करोड़ रुपए वसूलने थे, लेकिन यह वसूली तो दूर बकाया और बढ़कर 100 करोड़ रुपए पार कर गया है। विभाग ने अधिकारियों, कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वसूली के काम में लापरवाही करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी संस्थान, निजी संस्थान, फैक्ट्रियां, नगर निगम के साथ – साथ गांव के गांव बिजली बिल नहीं पटा रहे हैे, लिहाजा हर महिने सीएसईबी के इस एकाउंट में करोड़ों रुपए में राशि बढ़ रही है। इस समय शहर के नगर निगम पर ही 5 करोड़ रुपए बकाया है, इसी तरह जिले के करीब 400 गांवों ने बिजली बिल की राशि नहीं दी। इन गांवों की बिजली काटी गई है, लेकिन ग्रामीण कटिया फंसाकर बिचली चोरी कर रहे हैं। वसूली के लिए जब टीम पहुंचती है तो ग्रामीण एक जुट हो जाते हैं और मारपीट करने लगते हैं। लिहाजा वसूली टीम गांवों में जाने से कतराती है।
सीएसईबी के अफसरों ने इन रुके हुए पैसों के लिए वसूली का प्लान बनाया था और विशेष टीमें भी गठित की गई थीं, लेकिन छह माह में बकाया कम होने की जगह 10 करोड़ रुपए से भी ज्यादा बढ़ गया, अब फिर अधिकारी कह रहे हैं कि वसूली के लिए कड़ाई की जाएगी। हालत ये है कि सिर्फ बिलासपुर शहर के उपभोक्ताओं पर ही 35 करोड़ 10 लाख रुपए बकाया है, पूरे जिले में यह राशि 100 करोड 38 लाख रुपए पहुंच गई है।
हालांकि विभाग ने आन लाइन और पेमेंट एटीएम मशीनें कुछ शहरों में लगाई है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी लोग बिल कैसे पटाएं, कहां पटाएं यह नहीं जानते। जब तक बिजली कंपनी अपनी व्यवस्था ठीक नहीं कर लेती उसका बकाया बढ़ते ही जाएगा।