नितिन नामदेव, रायपुर। गर्मी का अभी आगाज नहीं हुआ है. लेकिन बिजली की खपत में जरूर गर्मी के तेवर नजर आने लगे है. फरवरी में ही खपत 5 हजार मेगावॉट को पार कर चुका है. इसे भी पढ़ें : 28 में से 24 नए चेहरे…, जानिए राज्यसभा प्रत्याशियों के जरिए भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए दे रही क्या संदेश

प्रदेश में जहां तक बिजली उत्पादन का सवाल है. तो छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर उत्पादन कंपनी के संयंत्रों में इस समय 23 सौ मेगावाट का ही उत्पादन हो रहा है. ऐसे में बिजली की पूर्ति करने के लिए सेंट्रल सेक्टर का सहारा लिया जा रहा है. इस बार गर्मी के प्रकोप और प्रदेश में लगातार बढ़ रही बिजली के उपभोक्ताओं की संख्या को देखते हुए खपत 65 सौ मेगावाट तक पहुंच सकती है. पिछली बार अधिकतम खपत 62 सौ मेगावाट तक हुई थी.

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सीएसपीडीसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज खरे ने बताया कि पहले कभी बिजली खपत में इतनी लोड नहीं बढ़ती थी, लेकिन इस बार खपत अधिक हो रही है. सुबह 6 से 9 बजे तक डिमांड ज्यादा बढ़ रही है. इसके पीछे गर्मी के मौसम में किसानों का धान की फसल लेना है, जिससे लोड अधिक आ रहा है. ऐसे में सेंट्रल सेक्टर से हमेशा सहारा रहता है. डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी की कोई खुद की बिजली नहीं होती, वह हमेशा दूसरो लेती है. छत्तीसगढ़ में अप्रैल और मई माह में बिजली की काफी डिमांड होती है, जिसके लिए विशेष व्यवस्था की जाती है.

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