रायपुर। प्रदेश में आर्थिक विकास की गतिविधियों में तेजी आने और बढ़ती हुई गर्मी के कारण बिजली की मांग (demand for electricity) में रिकार्ड तेजी आई है. 16 अप्रैल की रात को प्रदेश में बिजली की अधिकतम डिमांड 5696 मेगावाट दर्ज की गई. पॉवर कंपनी ने कुशल प्रबंधन करते हुए पॉवर एक्सचेंज के बिजली क्रय कर विद्युत आपूर्ति को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया.

यह प्रदेश स्तर पर अब तक की सर्वाधिक डिमांड का रिकार्ड है. 2017-18 में सर्वाधिक डिमांड 4318 मेगावाट थी. इस वर्ष उच्च मांग लगभग 5700 मेगावाट के स्तर तक पहुंच गई है. इस तरह बिजली (electricity) की डिमांड में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बिजली की बढ़ती मांग पर पॉवर कंपनी बनाई हुई है नजर

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक मनोज खरे ने बताया कि पॉवर कंपनी बढ़ती मांग पर नजर बनाए हुए है. प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. बिजली की बढ़ती हुई मांग की पूर्ति के लिये कंपनी प्रबंधन ने राज्य के समस्त विद्युत उत्पादन संयंत्रों को उच्चतम क्षमता पर चलाये जाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. गर्मी के कारण बिजली की बढ़ती हुई मांग की आपूर्ति के लिए डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने उचित प्रबंधन किया है.

इस मांग की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी से 2505 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई. राज्य शासन के अनुबंध के आधार पर केंद्रीय उत्पादन संयंत्रों से 2540 मेगावाट, आईपीपी (इंडिपेंडेंट पॉवर प्लांट) से 366, शार्ट टर्म ओपन एक्ससेस के माध्यम से 127 और पंजाब राज्य से बैंकिंग के माध्यम से 200 मेगावाट बिजली की उपलब्धता रही. इस तरह प्रदेश में सर्वाधिक डिमांड 5696 मेगावाट के विरुद्ध राज्य में 5738 मेगावाट विद्युत की उपलब्धता बनी रही.

निदेशक मनोज खरे ने बताया कि इसके अलावा आपातकालीन व्यवस्था के तहत उपभोक्ताओं को सतत् एवं निर्बाध विद्युत प्रदाय करने बिजली क्रय भी की जाएगी. इसके लिए आईईएक्स (इंडियन एनर्जी एक्सचेंज) के माध्यम से पॉवर एक्सचेंज से आवश्यकतानुसार बिजली क्रय करने का प्रबंध किया जा रहा है. गौरतलब है कि प्रदेश में 61.20 लाख निम्नदाब (घरेलू, कृषि व अन्य) उपभोक्ता हैं. साथ ही उच्चदाब उपभोक्ताओं की संख्या 3546 है.