गोरखपुर. स्वीकृत बिजली कनेक्शन से अधिक बिजली निगम के 11,597 उपभोक्ता बिजली खपत कर रहे थे. ऐसे में प्रतिमाह 26 लाख रुपये से अधिक का बिजली निगम को ही नुकसान पहुंचा रहे थे. अभियंताओं की मिलीभगत से ये खेल चल रहा था. अब अचानक लोड बढ़ाए जाने से उपभोक्ता खुद को छला महसूस कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, अभियंताओं और क्षेत्र के लाइनमैन के झांसे में आकर इन उपभोक्ताओं ने कम लोड का कनेक्शन लिया था. लंबे समय से ये बिजली खपत कर बिल का भुगतान करते थे. इनमें कई उपभोक्ताओं का बिल भी नहीं बनता था और स्वीकृत भार के हिसाब से ही मनमाने तरीके से बिल बन जाता था. प़ॉवर कारपोरेशन के निर्देश पर ऐसे कनेक्शनों की जांच की गई.
इसमें गोरखपुर प्रथम जोन में 11 हजार से अधिक उपभोक्ता मिले. जुलाई में इन सभी उपभोक्ताओं के परिसर में कुल बिजली खपत 30.63 मेगावाट की थी. इन कनेक्शनों पर बिजली खपत के हिसाब से कारपोरेशन ने भार बढ़ाकर अक्तूबर में 56.79 मेगावाट कर दिया. नवंबर से इन सभी उपभोक्ताओं के बिजली खपत में 26.17 मेगावाट की बढ़ोत्तरी होने के साथ ही बिजली खपत सामान्य हो गई.
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मामले में मुख्य अभियंता आशु कालिया ने कहा कि कम बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन का लोड बढ़ाया गया है. कुछ शिकायतें आ रही हैं कि जमानत राशि गलत तरीके से जुड़कर बिजली बिल में आ रही है. उपभोक्ता इसे बताएं तो सर्वर से जमानत राशि अलग करा दी जाएगी.