उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण को लेकर चल रहे विरोध के बीच विद्युत कर्मचारियों ने शनिवार को पूरे प्रदेश में आंदोलन का ऐलान कर दिया है. जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर के निगम मुख्यालयों, उपकेंद्रों, उत्पादन इकाइयों पर प्रदर्शन किया जाएगा. सभाओं का आयोजन किया जाएगा जिसमें पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के 27 लाख बिजली कर्मचारी अपना विरोध दर्ज कराएंगे. ये सभाएं लंच टाइम में होंगी.
विरोध के बीच शुक्रवार को विभाग ने यूपी में 6 महीने तक सरकारी कर्मचारी और सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के हड़ताल करने पर रोक लगा दी है. जिसका आदेश जारी कर दिया गया है. ऐसे में कर्मचारी अपनी किसी भी मांग को लेकर लामबंद नहीं हो सकते. इस फैसले को विभाग ने लोकहित में लिया गया फैसला बताया है. जारी आदेश में कहा गया है कि यूपी सरकार के नियंत्रण और स्वामित्व से जुड़ी सेवाओं से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी अगले 6 महीने तक अपनी किसी भी मांग को लेकर आंदोलन नहीं कर सकेंगे. यह आदेश उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं के अनुरक्षण अधिनियम, 1966 की धारा तीन की उपधारा के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके जारी किया गया है.
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कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द
बता दें कि ये विरोध निजीकरण के खिलाफ हो रहा है. दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने को लेकर कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहा है. इसे देखते हुए शुक्रवार को ही डिस्कॉम प्रबंधन ने किसी भी तरह की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बाधित नहीं होने देने के लिए व्यापक इंतजाम कर दिया था. जगह-जगह कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. इसके अलावा बिजली कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
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