कुशीनगर. प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवा बेहतरीन होने की ढ़ोल भले पीट रही हो, लेकिन अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी और जर्जर हो चुकी बिल्डिंग सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही हैं. जमीन धरातल पर लचर स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह फेल होती नजर आ रही है. वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिनभर बिजली बंद होने से भारी गर्मी से मरीज और डॉक्टर परेशान है. साथ ही एक साल से जरनेटर भी खराब पड़ा है.

मामला जनपद के नेबुआ नौरंगिया विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हैं, जो अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है, लेकिन सरकार के दावे बड़े-बड़े अस्पताल में कोई महिला चिकित्सक न होने के चलते महिलाओं को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं इस भीषण गर्मी में अस्पताल में बिजली पूरे दिन नदारत रहती है. आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि कैसे इस भीषण गर्मी में चिकित्सक व अस्पताल कर्मचारी काम करने पर मजबूर हैं.

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प्रभारी चिकित्सा अधिकारी का कहना हैं की दिन भर बिजली गुल रहती तो पिछले एक साल सें जैनेटर में डीजल डालने के पैसे नहीं मिल रहें सबसे बड़ी बात ये है की इस तरह भीषण गर्मी में मरीज और अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मी कैसे रहते होंगे और स्वास्थ मंत्री और आला अधिकारी एसी में बैठ बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा कर रहे हैं, लेकिन जमीनी धरातल पर यह समुदायिक स्वस्थ केन्द्र अपने बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है. अब देखने वाली बात होगी की कब तक इस लचर स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार होता हैं या इसी तरह अपनी बदहाली पर आंसू बहाता रहता है.

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