कुशीनगर. हर कनेक्शन पर विद्युत मीटर लगाने का सरकार का फरमान है. लेकिन यह फरमान केवल कागजी आंकड़ों तक सीमट कर रहा गया है. विद्युत विभाग के अफसरों की लापरवाही के चलते कुशीनगर जिले के हजार घरों में अभी तक विद्युत मीटर नहीं लग सके हैं. इस कारण विभाग को हर महीने लाखों-करोड़ों रुपए राजस्व की क्षति हो रही है.

हालांकि जिम्मेदार अधिकारी कागजी आंकड़ों में हर कनेक्शन वाले घर में विद्युत मीटर लगा देने का दावा कर रहे हैं. लेकिन हाल यह है कि गांवों में बिना मीटर के धड़ल्ले से बिजली का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें कई ऐसे गांव हैं, जहां एसी, फ्रिज, कूलर, टीवी, वाशिंग मशीन हाई वोल्टेज वाले डीजे और विद्युत सामग्रियों आदि का उपयोग किया जा रहा है.

निर्धारित समय के बाद भी नहीं लग सकी मीटर

जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लाख उपभोक्ता है. वहीं अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण कसया का कहना है कि शत प्रतिशत विधुत मीटर लगाया जा चुका हैं, लेकिन उनके दावे में कितनी सच्चाई है वह विद्युत विभाग के वितरण विभाग के राजस्व वसूली ही अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने प्रतिशत विद्युत बिल की वसूली हो रही है. अधिकारी केवल कागजी आंकड़ों में माहिर वातानुकूलित (एअर कंडीशन ऑफिस), ऑफिस में बैठकर शत प्रतिशत मीटर लगाने का दावा कर रहें हैं ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक उपभोक्ताओं के घर पर ही मीटर लग पाया है. उनके कनेक्शन बिना मीटर के चल रहे हैं. निर्धारित समय तक मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अभी तक गांवों में मीटर नहीं लग सके हैं. मीटर न लगने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में लोग मनमानी ओवर लोड बिजली का प्रयोग कर रहे हैं. जबकि विभाग को निर्धारित रुपया ही मिल पा रहा है. इस तरह जिम्मेदार अधिकारियों के चलते हर महिनें विभाग को करोड़ों की राजस्व की क्षति हो रही है.

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रीडिंग लेने में भी लापरवाही

शहर के लेकर गांवों में लगे मीटर की रीडिंग लेने के लिए निजी लड़के रखे गए हैं, जो रीडिंग लेने में लापरवाही बरत रहे हैं. जिसको लेकर आए दिन विवाद भी हो रहे हैं. गांवों में तो मीटर रीडिंग लेने के लिए समय से मीटर रीडर जा भी नहीं रहे, जिसके चलते मनमानी बिजली बिल लोगों को मिल रहा है. मनमानी बिजली बिल मिलने से उपभोक्ता खासे परेशान हैं और रोजाना बिजली विभाग का चक्कर लगाते फिरते हैं बिजली विभाग के इसी लापरवाही के चलते निर्धारित समय तक उपभोक्ता बिजली का बिल जमा नहीं कर पा रहा है और उसको भारी भरकम बिजली बिल मिल जाने से वह और परेशान है अब देखना यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में हर कनेक्शन पर मीटर कब तक लगा पता है या उसी तरह बिना मीटर के बिजली सप्लाई होती रहती है और जिम्मेदार अधिकारियों के चलते सरकार का लाखों-करोड़ों राजस्व की क्षति हर महीने होती रहती है.

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