नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में बिजली महंगी हो सकती है. दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (DERC) ने ऊर्जा खरीद समझौते पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है, जिसके बाद दिल्ली में बिजली की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा हो सकता है.

बता दें कि, दिल्ली में हर महीने 200 यूनिट बिजली फ्री में दी जाती है. जबकि, नॉएडा और हरियाणा के लोगों को यह सुविधा नहीं मिलती है.

दिल्ली में बिजली 10 फीसदी महंगी हो सकती है. बॉम्बे सबअर्बन इलेक्ट्रिक सप्लाई (BSES) ने पावर परचेज को लेकर DERC में अर्जी लगाई थी, जिसे मंजूरी मिल गई है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला दिल्ली सरकार लेगी. सरकार को फैसला लेना है कि ये बढ़ी हुई दर बिजली के बिलों में शामिल होगी या नही. इससे पहले भी जब पावर परचेज एग्रीमेंट की दर बढ़ी है तो सरकार ने इसका खर्च बिजली कंपनियों को खुद ही उठाने को कहा था. लोगों के बिलों में कोई अंतर नहीं आया.

दरअसल डीईआरसी ने पावर डिस्कॉम, बीवाईपीएल और BRPL की याचिकाएं स्वीकार कर ली हैं. अगले 9 महीनों के लिए, बीवाईपीएल उपभोक्ताओं को 9.42% अधिक टैरिफ का चार्ज देना होगा, जबकि बीआरपीएल उपभोक्ताओं को 6.39% ज्यादा टैरिफ का भुगतान करना होगा. वहीं, दूसरी तरफ NDMC इलाके में रहने वाले लोगों को 2% अतिरिक्त टैरिफ देना पड़ेगा. दिल्ली के लोगों के लिए अब बिजली का बिल भरना पहले से ज्यादा मुश्किल हो जायेगा.

दिल्ली सरकार ने बीते शुक्रवार (23जून ) को ही एक नए टैरिफ को मंजूरी दी है जिसके बाद दिन में बिजली की कीमतें वर्तमान दर से 20 प्रतिशत तक कम होंगी. वहीं, रात में जब बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है. उस समय कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.

बिजली की कीमतों के इस नए टैरिफ के पीछे बड़ी वजह सौर ऊर्जा है. सौर ऊर्जा से दिन में बिजली का उत्पादन होता है, इसलिए बिजली कंपनियां दिन में सौर ऊर्जा से बनी बिजली की खरीद कर इसकी आपूर्ति करेंगी.