लखनऊ. उत्तर प्रदेश में विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल से बिजली आपूर्ति चरमरा गई है। लखनऊ, कानपुर, वाराणसी व मेरठ समेत कई शहरों में हड़ताल के पहले दिन ही जबरदस्त संकट पैदा हो गया। गोरखपुर और कानपुर में फैक्ट्रियों में औद्योगिक उत्पादन ठप हो गया। राजधानी लखनऊ का करीब एक-चौथाई हिस्सा बिजली संकट की चपेट में रहा।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि बातचीत के रास्ते खुले हैं। नेशनल ग्रिड से जुड़े कार्यालय में बृहस्पतिवार रात 11 बजे के बाद सिस्टम ठप करने का प्रयास करने वाले कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई होगी। देर रात दक्षिणांचल के 38 संविदकमी हटाए गए। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज ने बताया कि सभी जिलों में बिजली अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कार्य नहीं करने वालों के खिलाफ तत्काल ही एफआईआर दर्ज कराई जाए।

बिजली कर्मियों की हड़ताल से व्यवस्था चरमरा गई है। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का वाराणसी, आजमगढ़ और विंध्य मंडल के जिलों में असर है। चंदौली में लगभग 600 गांवों में 30 घंटे से बिजली गुल है। गाजीपुर में शहर के विभिन्न इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप है। शहर का प्रकाशनगर, लाल दरवाजा उपकेंद्र दोपहर में पूरी तरह से ठप हो गया। जौनपुर में एक दर्जन मोहल्ले में 15 घंटे से बिजली गुल है।

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सोनभद्र में अंबेडकरनगर, ब्रह्मनगर, पुसौली, छपका सहित आसपास के अन्य इलाकों में पूरी रात बिजली बाधित रही। कोन, पन्नूगंज, घोरावल, अनपरा क्षेत्र में भी आपूर्ति ठप रही। आजमगढ़ नगर के मातनपुर फीडर में फाल्ट के चलते 33 घंटे तक आपूर्ति बाधित रही। इससे एक लाख से ज्यादा की आबादी बिजली पानी के लिए परेशान रही। शुक्रवार दोपहर आपूर्ति बहाल हुई। भदोही में इंसुलेटर में गड़बड़ी के कारण 100 गांवों में 20 घंटे तक बिजली गायब रही। प्रतापगढ़ जिले के लोग भी परेशान है। प्रभावित जिलों में पानी सप्लाई भी बाधित हुई।

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