Prashant Kishore News: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने 20 मई को स्वतंत्रता सेनानी जयप्रकाश नारायण (जेपी) की जन्मभूमि, सिताबदियारा से अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ शुरू की. इस यात्रा के पहले दिन उन्होंने एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया, जिसका असर तुरंत दिखाई देने लगा.

सरकार द्वारा बकाया था 4 लाख का बिल

दरअसल प्रशांत किशोर जब जेपी के पैतृक आवास पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि पिछले एक साल से वहां बिजली आपूर्ति ठप है. बिहार सरकार द्वारा 4 लाख के बकाया बिजली बिल का भुगतान न होने के कारण बिजली काट दी गई थी. एक ओर सरकार जेपी को श्रद्धांजलि देती है, वहीं उनके पुश्तैनी घर की इस दुर्दशा ने प्रशासन की उदासीनता को सामने ला दिया.

प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे को मीडिया के जरिए जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने सवाल किया कि जिस व्यक्ति ने आपातकाल में लोकतंत्र की रक्षा के लिए जीवन समर्पित किया, उनके घर की ऐसी हालत क्यों? उनके इस कदम और मीडिया दबाव के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ. 21 मई को बिजली विभाग ने जेपी के घर की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी, जिसकी पुष्टि स्थानीय लोगों ने की. उन्होंने प्रशांत किशोर के प्रयासों की प्रशंसा भी की.

लंबे समय से बाधित थी पानी की आपूर्ति

साथ ही, गांव में जलस्तर गिरने से पानी की आपूर्ति भी लंबे समय से बाधित थी. अब बिजली के साथ-साथ जलापूर्ति बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. जेपी के घर और आसपास के इलाकों में नियमित जलापूर्ति के लिए नए कनेक्शन लगाए जा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से इन समस्याओं से जूझ रहे थे, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. प्रशांत किशोर के हस्तक्षेप से तेजी से बदलाव आया. पीके के इस कदम की स्थानीय लोग काफी सराहना कर रहे हैं.

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