सत्यजीत घोष, रायगढ़. जिले के घरघोड़ा वन मंडल अंतर्गत फिर एक बार मादा हाथी का शव बरामद हुआ है. हाथी की मौत का कारण करंट बताया जा रहा है. घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और राजस्व की टीम पहंचुकर आगे की कार्रवाई कर रही है.

ऐंकर- रायगढ़ जिले के घरघोड़ा वन मंडल अंतर्गत फिर एक बार मादा हाथी का शव बरामद हुआ है। हाथी की मौत का कारण बिजली करेंट बताया जा रहा है। मौके पर वन विभाग व राजस्व की टीम मौजूद है। आगे विधिवत कार्यवाही की जा है।

बता दें कि, रायगढ़ वनमंडल के अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही से फिर एक जंगली हाथी का शव बरामद हुआ है. वहीं विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी फिर एक बार मृत हाथी को लेकर कुछ कहने के मूड में नहीं है. लिहाजा अपने कर्त्तव्यों पर पर्दा डालते हुए इस घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. हाथी की मौत का मामला सामने आते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया है.

जानकारी के अनुसार रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा रेंज अंतर्गत अमलीडीह जंगल में सोमवार की सुबह कुछ ग्रामीण अमलीडीह जंगल की ओर गए थे. जहां उनकी नजर विशालकाय मृत हाथी पर पड़ी. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. हालांकि तब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि मृत हाथी धर्मजयगढ़ वन मंडल में है या रायगढ़ वन मंडल में है. जानकारी मिलते ही दोनों वन मंडल के अधिकारी मौके पर पहुंचे तब यह स्पष्ट हुआ कि मृत हाथी रायगढ़ वन मंडल क्षेत्र में है. वहीं प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि हाथी की मौत करंट की चपेट में आने से हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग के आदेश क्रमांक 1275 में हाथी की लाश मिली है. बहरहाल वन विभाग की टीम इस मामले की जांच कर रही है. वहीं शव के अंतिम संस्कार की भी तैयारी की जा रही है.

वन विभाग की लापरवाही उजागर
अमलीडीह जंगल में हाथी के मौत के बाद तीन दिनों तक जंगल में हाथी का शव पड़ा रहा. लगातार हो रही इस तरह हाथियों की मौत को लेकर अब वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर भी सवाल दागे जा रहे हैं. हमेशा की तरह इनके पास कोई जवाब नहीं है. बीटगार्ड जंगल में ड्यूटी करने के बजाय शहरी चकाचौंध में व्यस्त है और डीएफओ को इससे कोई सरोकार नहीं है.