कोरबा। बीमार नर हाथी को स्वस्थ करने पशु चिकित्सकों की टीम लगातार प्रयास कर रही है. इलाज से हाथी कुछ हद तक स्वस्थ हुआ है. लेकिन वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया है, जिससे वन विभाग की चिंता बढ़ते जा रही है. पशु चिकित्सकों द्वारा विदशी डॉक्टरों से भी सलाह ली जा रही है, डॉक्टरों ने भी जल्द से जल्द पैरों पर खड़ा करने की दिशा पर प्रयास तेज करने की सलाह दी है. अन्यथा बीमार हाथी की जान जा सकती है. हालांकि बीमार हाथी को उसके बेहतर इलाज व बेहतर चिकित्सा के लिए तैमूर पिंगला भेजने पर भी विचार चल रहा है. लेकिन शासन से स्वीकृति मिलने के चलते स्थिति जस की तस बनी हुई है.

गौरतलब है कि कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज में 22 दिन पहले एक हाथी छटपटाते हुए किसान की बाड़ी में पैरों के बल गिर गया था. जिसेक बाद पशु चिकित्सकों की टीम लगातार बीमार हाथी को स्वस्थ करने में लगी हुई है. जांच के दौरान खुलासा हुआ था कि हाथी के पेट में कृमि था. जिसके चलते उसकी ऐसी हालत हुई थी.

चिकित्सकों द्वारा विभिन्न डॉक्टरों की सलाह पर उसे एंटी बायोटिक दी जा रही थी. नतीजा यह है कि अब वह काफी हद तक हाथी स्वस्थ हो गया है, लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाया है. पशु चिकित्सकों द्वारा अफ्रीकन डॉक्टर से भी इस संबंध में चर्चा की गई है और उनके निर्देशों के आधार पर हाथी का इलाज किया जा रहा है. हाथी को जल्द से जल्द उसके पैरों पर खड़ा होना बहुत जरूरी है अन्यथा उसकी जान जा सकती है. हालांकि बीमार हाथी पहले खाने पीन में कोताही बरता था. लेकिन अब वह 50 किलो तक प्रतिदिन भोजन कर रहा है.