अंकुर तिवारी, धमतरी / अजय सूर्यवंशी, पत्थलगांव। प्रदेश में जंगलों में विचरण हाथियों के रौद्र रूप से ग्रामीण सहमे हुए हैं. महुआ सहित वनोपज संग्रहित करने जंगल जा रहे ग्रामीणों को मौत के घाट उतारने के साथ हाथी आस-पास बसे गांवों में पहुंचकर घरों में तोड़-फोड़ करने के साथ अनाज को चट कर रहे हैं. हाथियों की हलचल से ग्रामीणों में जहां दहशत है, वहीं वन अमले की भी हाथी-मानव संघर्ष को कम करने में पसीना छूट रहा है.

धमतरी जिले में हाथियों के हमले से पांच ग्रामीणों की मौत के बाद वन विभाग सक्रिय हो गया है. महुआ बीनने के लिए जंगल जा रहे ग्रामीणों को वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वापस लौटा रहे हैं, जिससे वे किसी अनहोनी न हो. इसके अलावा गांवों में मुनादी कराकर जंगलों में अधिकारी-कर्मचारी को तैनात किया गया है. जानकारों के अनुसार, टाइगर रिजर्व क्षेत्र में 32 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. इन्हीं दल के एक हाथी बिछड़ा हुआ है, जो आक्रोशित होकर लोगों के दिखने पर हमला कर रहे हैं, जो लोगों के लिए जान का खतरा बना हुआ है.

हाथियों के बचने के लिए वन विभाग अब गांव-गांव में हाथी मित्र दल बनाने पर जोर दे रहा है. दल में शामिल लोग रात में निगरानी के लिए आग जलाने लकड़ी से सामग्री तैयार कर रहे हैं, ताकि हाथी आग को देखकर भागे. इसके अलावा वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के बीच पहुंचकर उन्हें हाथी से बचने का उपाय भी बता रहे हैं, जिससे ग्रामीण सुरक्षित रहें.

हाथियों ने की घरों में तोड़-फोड़

जंगल में हाथियों के लिए चारा पानी की कमी होने से हाथियों का दल शाम ढ़लते ही बेलडेगी, सरईटोला सहित आसपास के अन्य रिहायशी इलाकों में पहुंच रहा है. हाथियों का दल घरों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त करने के साथ घरों में रखे महुआ वनोपज और पूरा अनाज को चट कर रहे हैं. दल में दो नन्हे शावक होने की वजह से हाथी काफी आक्रामक तेवर अपनाऐ हुऐ हैं. पत्थलगांव वन अधिकारी का कहना है कि विभाग के कर्मचारी हड़ताल से लौट आए हैं, इन्हें हाथियों की समस्या से प्रभावित क्षेत्र में तैनात कर दिया है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus