लक्ष्मीकांत बंसोड, डौंडी। बालोद जिला के डौंडी रेंज में उत्पात मचा रहे चंदा हाथियों का दल ग्रामीणों की धान फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद अब घरों को तोड़ने-फोड़ने के साथ मवेशियों की जान ले रहा है. हाथियों के दल की मौजूदगी से असुरक्षित महसूस कर रहे ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं.

गौरतलब है कि पिछले 16 दिनों से डौंडी वन परिक्षेत्र के आसपास गावों में किसानों का धान फसल तबाह करते आ रहे 22 सदस्यीय चंदा हाथियों का दल अब रिहायसी इलाका करीब पहुँच रहा है. बीती रात ग्राम जबकसा के आदिवासी ग्रामीण श्रवण नुरेटी के मवेशी को घायल किया, वहीं एक मवेशी को पैरों से रौंदकर जान ले ली. हाथी यहीं नहीं रुके उन्होंने ग्राम के रामसिंग गोड़ के घर को भी तहस-नहस कर दिया. हाथी के आतंक से ग्रामीण ने पड़ोसी घर के छत पर चढ़कर किसी तरह अपनी जान बचाई.

यही नहीं जबकसा के कई ग्रामीणों की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया, हाथियों की उत्पात के चलते ग्रामीण रातभर दहशत में रतजगा करते रहे. सुबह वनविभाग की टीम जबकसा में वस्तुस्तिथि का जायजा लेने के लिए पहुंची. बताया जा रहा पिछले दो रात्रि से जबकसा में उत्पात मचाकर हाथियों का दल जंगल की ओर चले जाता है. ऐसे में ग्रामीणों को अपने जान-माल की चिंता सताने लगी है. वही वन विभाग के रेंजर पुष्पेन्द्र साहू अपनी टीम के साथ दिन-रात लोगो को घरों में रहने की अपील करने में जुटी है.

मुआवजा को लेकर बढ़ रही चिंता

साल में एक बार खेत से धान फसल जरिये जीवन यापन करते आ रहे किसानों की चिंता इसलिए बढ़ते जा रही है कि वे भगवान भरोसे धान उत्पादन करते है यही उनका आय का जरिया है. लेकिन आफत की तरह आया हाथियों का दल फसलों को बर्बाद कर रहा है, उससे उनकी मुसीबत बढ़ रही है. किसानों का कहना है कि सरकारी मुआवजा कम है.