नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में से एक Elon Musk ने जब से ट्विटर को खरीदने की घोषणा की है, तब से वे चर्चा में बने हुए हैं. अब वे लोगों से सवाल कर रहे हैं कि वे ट्विटर के प्रमुख रहें कि नहीं. इसके साथ जो भी जनता फैसला करेगी उसको मानने की बात कह रहे हैं. आप भी इस मुद्दे पर कोई राय रखते हैं तो जल्द वोटिंग करिए, क्योंकि समय सीमित है.

Elon Musk बतौर ट्विटर प्रमुख धमाल मचाए हुए हैं. उन्होंने कामकाज संभालने के साथ ही एकतरफा छंटनी शुरू कर दी, इसमें बिना पद को देखते हुए ऊपर से लेकर नीचे तक के कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया. हालांकि, उन्होंने इसके बाकायदा इसके लिए क्षतिपूर्ति राशि भी दी. इसके बाद एक कदम आगे बढ़ते हुए कंपनी की माली हालत को सुधारने के लिए उन्होंने ब्लू टिक के लिए शुल्क लेने लगे.

यही नहीं अब वे ट्विटर की नीतियों में भी बदलाव करते हुए यूजर को ब्लॉक करने के लिए नए मापदंड तय कर दिया, जिसका सबसे पहला फायदा पूर्व अमेरिकी डोनाल्ड ट्रंप को मिला है, जिनका संस्पेड ट्विटर अकाउंट बहाल कर दिया गया है.

लेकिन Elon Musk के आने के बाद से सोशल मीडिया के भीतर लोगों की सोच को प्रभावित करने की कोशिशों का twitter files के जरिए भंडाफोड़ किया गया है. इसमें पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल,  पॉलिसी हेड और लीगल मामलों की टॉप अफसर विजया गाड्डे के कारनामें को उजागर किया गया, जो बिना सीईओ जैक डॉर्सी को बिना बताए दक्षिण पंथी समाचारों को ब्लॉक कर रहे थे.