एलन मस्क ने पिछले साल ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) को खरीदा था. जिसके बाद मस्क ने प्लेटफॉर्म में कई बदलाव किए हैं. एक्स में हमेशा नए-नए फीचर्स को जोड़ा जाता है. इस बीच एक्स को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल ऑस्ट्रेलिया के ई-सेफ्टी कमिश्नर ने एक्स कंपनी पर 3 लाख 85 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जानकारी के अनुसार एलन मस्क की कंपनी ये बताने में असफल रही कि वह कैसे प्लेटफॉर्म पर चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज को हैंडल करती है इसलिए कंपनी पर फाइन लगा है.

रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया की ई-सेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने कहा कि एक्स ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि बाल यौन शोषण से निपटना उसकी पहली प्राथमिकता है. लेकिन यह सिर्फ बात नहीं हो सकती, हमें ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है. एक्‍स के पास 28 दिनों का वक्‍त है. कंपनी को उस पर लगाए गए जुर्माने पर जवाब देना होगा या तय वक्‍त में जुर्माने का भुगतान करना होगा. बताया गया है कि कंपनी इस मामले में पूछे गए कुछ सवालों के जवाब देने में नाकाम रही. हालांकि यह मामला सिर्फ एक्‍स तक सीमित नहीं है.

वॉट्सऐप, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल समेत ये कंपनियां भी दायरे में

ईसेफ्टी कमिश्नर जूली इनमैन ग्रांट ने कहा कि हमारी पहली रिपोर्ट में एप्पल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, स्काइप, स्नैप, वॉट्सऐप और ओमेगल भी इस मुद्दे पर गंभीर रूप से काम नहीं कर रही है और सभी की रिपोर्ट में कुछ न कुछ खामी पाई गई है जिसपर कंपनियों को तुरंत काम करने की जरूरत है.

सवालों का सही जवाब नहीं दे पाया गूगल

ईसेफ्टी के द्वारा भेजे गए नोटिस का अनुपालन गूगल और ट्विटर ने नहीं किया. दोनों कंपनियों ने कई सवालों के सही जवाब नहीं दिए. ऑस्ट्रेलिया के ई-सेफ्टी कमिश्नर ने गूगल को भी एक चेतावनी दी है जिसमें कंपनी द्वारा दिए गए इम्पोर्टेन्ट सवालों के बदले नार्मल जवाब और स्पेसिफिक मांगी गई जानकारी के बदले सामान्य प्रतिक्रियाएँ देने के लिए कंपनी को हाईलाइट किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Google अपनी कुछ सेवाओं जैसे जीमेल, चैट, मैसेजेस पर ज्ञात बाल यौन शोषण वीडियो का पता लगाने के लिए अपनी खुद की तकनीक का उपयोग नहीं कर रहा है जो आश्चर्य की बात है.