इस्लामाबाद। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के दो हमलों को भी पाकिस्तान का पंजाब प्रांत हासिल नहीं कर पाय. . इस घटनाक्रम के 12 घंटे बीतने के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है.
इमरजेंसी की घोषणा के साथ स्थानीय प्रशासन ने अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है, वहीं सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर भेज दिया गया है. लाहौर एयरपोर्ट पर अगले 48 घंटे तक सभी फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं. इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की बैठक बुलाई है.
1971 के युद्ध के बाद पहला मौका है, जब भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर के इतर पाकिस्तान की मुख्य भूमि पर हमला किया है. भारत ने पंजाब के दो शहरों में स्थित आंतकी ठिकानों पर हमला किया है. इनमें से पहले लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालक मुरीदके है, और दूसरा जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय बहावलपुर है. आइए दोनों शहरों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
मुरीदके
भारत द्वारा निशाना बनाए गए ठिकानों में पाकिस्तान के पंजाब का मुरीदके पंजाब की राजधानी लाहौर से 30 किलोमीटर दूर स्थित है, और यह पाकिस्तान का एक प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र है. इसके साथ ही इसी शहर में लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय और आतंकवादी तथा जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का मदरसा स्थित है.
मुरीदके को पाकिस्तान की “आतंक नर्सरी” के रूप में जाना जाता है. लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य प्रशिक्षण शिविर मरकज तैयबा को निशाना बनाया गया. यह न केवल हथियारों का प्रशिक्षण देता है, बल्कि रंगरूटों को धार्मिक शिक्षा भी देता है.
मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहयोगी जमात-उद-दावा (JuD) का विशाल मुख्यालय 200 एकड़ में फैला हुआ है. कथित तौर पर इसमें आतंकी शिविर और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे हैं, जिनका अक्सर भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है और यह 1990 से काम कर रहा है.
इस सुविधा के निर्माण का वित्तपोषण ओसामा बिन लादेन ने किया था. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह वह जगह है जहाँ 26/11 के हमलावरों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था, जिसमें अजमल कसाब भी शामिल था.
बहावलपुर
भारत-पाक सीमा से 130 किलोमीटर दूर यह शहर पाकिस्तानी सेना का एक प्रमुख सैन्य केंद्र है, जहाँ 31 कोर का मुख्यालय है. ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब और उत्तरी सिंध क्षेत्रों में रक्षा अभियानों के लिए जिम्मेदार है.
यह शहर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का पर्याय है, जो मसूद अजहर के नेतृत्व वाला आतंकी संगठन है.
JeM ने भारत में कई आतंकी हमलों की साजिश रची है और उनकी जिम्मेदारी ली है, जिसमें 2001 में संसद पर हमला, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला और 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमला शामिल है, जहाँ सीआरपीएफ कर्मियों को ले जा रहे वाहनों के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें 40 लोग मारे गए थे.
JeM जो 2000 में बनाया गया था और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस से जुड़ा हुआ है, ने सबसे पहले अफगानिस्तान में प्रशिक्षण शिविरों से ऑपरेशन शुरू किया था. ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के पतन के बाद, यह बालाकोट और फिर पेशावर और मुजफ्फराबाद में स्थानांतरित हो गया.
2009 में, जैश ने बहावलपुर में अपना मुख्यालय स्थापित किया. यह 18 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें एक मस्जिद, एक मदरसा और एक चारदीवारी वाला परिसर है, जहाँ कैडर की भर्ती और प्रशिक्षण किया जाता है.
बहावलपुर कभी एक ऐसा केंद्र था जहाँ अमेरिकी उपस्थिति के दौरान अफ़गानिस्तान में लड़ने वाले कैडर आराम करने के लिए आते थे. यहाँ लश्कर जैसे अन्य आतंकी समूहों के ठिकाने भी हैं, जिसका जैश से घनिष्ठ संबंध है.