दिल्ली में कोरोना (Corona) के मामलों में एक बार फिर वृद्धि हो रही है, जिससे नागरिकों में चिंता का माहौल बन गया है. राजधानी में अब तक 104 नए मामले सामने आए हैं, जो यह संकेत देते हैं कि कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. इस स्थिति को देखते हुए, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG V.K Saxena)ने एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, इस बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) और मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार ने भाग लिया. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कोविड एक मौसमी वायरस है, जिससे चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि यह ऐसा वायरस नहीं है जिससे दिल्ली के निवासियों को डरने की जरूरत हो. दिल्ली में इस स्थिति के लिए पूरी तैयारी की गई है, और किसी भी व्यक्ति को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है.हाल ही में सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए एक एडवाइजरी भी जारी की है.

हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नागरिकों को सतर्क रहने और भीड़-भाड़ से बचने की सलाह दी गई है. इसके साथ ही, मास्क पहनने, हाथ धोने और स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश भी दिए गए हैं. सरकार ने विशेष रूप से बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है, क्योंकि यह वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को जल्दी प्रभावित कर सकता है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना इस बैठक के माध्यम से यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दिल्ली किसी भी आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहे. पिछले लहरों में अस्पतालों में बेड की कमी और ऑक्सीजन संकट जैसी समस्याओं से बचने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है.

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दिल्ली के निवासियों में एक बार फिर से चिंता का माहौल व्याप्त है, क्योंकि कोरोना का नाम सुनते ही पुरानी कठिनाइयाँ याद आ जाती हैं. उस समय की पीड़ा और समस्याएँ अब भी लोगों के मन में ताजा हैं. इसलिए इस बार प्रशासन किसी भी प्रकार की चूक से बचना चाहता है. नागरिकों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे सावधानी बरतें, अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, और यदि किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जांच कराएं. इस समय समझदारी और सतर्कता ही सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. सरकार और प्रशासन मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हैं, लेकिन जनता का सहयोग इस लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार साबित होगा.