सत्यपाल राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ के क्रेडा विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतर आए हैं. क्रेडा के कुल 540 कर्मचारियों को संविदा अनुबंध के बजाय ठेकेदारी में बदल दिया गया है, जिसके विरोध में वे तूता नया रायपुर में प्रदर्शन कर रहे हैं.

कर्मचारियों के संविदा अनुबंध को ठेकेदारी में बदलने से उन्हें कई सुविधाएं नहीं मिलेंगी. स्वयं अपने व्यय से दुर्घटना बीमा का कराना होगा, जिससे किसी भी दुर्घटना के मामले में विभाग की जिम्मेदारी खत्म हो जाएगी.

अनुबंध के तहत, कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के अन्य भत्तों जैसे नक्सल भत्ता, EPF, ESIC, और मेडिकल सुविधाओं की सुविधा नहीं मिलेगी.इसके अलावा, उन्हें यात्रा भत्ता और मानदेय भुगतान के संबंध में भी चिंता है.

क्रेडा विभाग के इन कर्मचारियों ने अपने मुद्दों को लेकर प्रशासनिक स्तर पर चर्चा करने की मांग की है. वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हड़ताल जारी रखेंगे जब तक कि उनकी मांगों पर समाधान नहीं हो जाता.

बता दें, विभाग के अधिकारियों की मनमानी और बार-बार नियम कानून बदलने के चक्कर में 120 संविदा कर्मचारियों को 2014 से 2016 तक संविदा में कार्य पर रखा गया. इसके बाद फिर नियम में संशोधन करते हुए इनको फिर कलेक्टर दर पर वेतन भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया. बार-बार अधिकारी नियम कानून मनमाने ढंग से बदल रहे हैं, जिसकी वजह से विभाग में जो कार्यरत 560 कर्मचारी हैं वह बहुत मानसिक रूप से परेशान हैं. जबरदस्ती दबाव बनाया जा रहा है कि अगर आप अनुबंध नहीं करेंगे, तो आपको नौकरी से निकाल दिया जायेगा.

हड़तालियों की प्रमुख मांगें

  1. तकनीशियनों से अनुबंध कराने प्रथा तत्काल बंद किया जाए.
  2. पूर्व में जिनकी नियुक्ति संविदा में हुआ था उसी को आधार मानते हुए सभी तकनीशियनों को संविदा दर पर वेतन भुगतान करें.
  3. विभाग में 2012 में अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया गया उसी अनुरूप में तकनीशियनों को भी नियमित किया जाए.
  4. अन्य संविदा प्लेसमेंट कर्मचारियों के अनुरूप शासकीय अवकाश का लाभ दिया जाए.
  5. क्रेड़ा विभाग इंश्योरेंस स्वयं कराएं जो वर्तमान में कर्मचारियों से कराया जा रहा है.
  6. वर्तमान स्थिति में प्रतिमाह 3000 यात्रा भत्ता दिया जाय।इसमें प्रतिवर्ष 20% वृद्धि किया जाए.