नई दिल्ली . किडनी रैकेट मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच करने पर सामने आया कि वह कई अस्पतालों में काम करने वाले लोगों के संपर्क में थे. इन सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी. जांच में दिल्ली के 3 बड़े अस्पताल सामने आ रहे हैं. इनमें मरीजों से संबंधित दस्तावेज बरामद होते हैं तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक जांच 2 अस्पातलों में चल रही थी, लेकिन आरोपियों से पूछताछ के बाद नई जानकारी सामने आई है. ऐसे में अब जांच का दायरा भी बढ़ जाएगा. आरोपियों ने जितने भी मरीजों की किड़नी प्रात्यारोपण कराई थी. उन मरीजों और डोनर की सूची तैयार की है. अब अस्पातल के दस्तावेज से उनका मिलान किया जा रहा है.

ब्लैकलिस्ट होने पर साथियों को सौंपते थे गिरोह की कमान आरोपी भारत में कई गिरोह के सम्पर्क में हैं. पुलिस टीम ने आरोपियों के सीडीआर और अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद यह जानकारी पुख्ता भी की है. भारत और बांग्लादेश में पकड़े जाने के बाद आरोपियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाता है. ऐसे में यह आरोपी अपने गिरोह की कमान सहयोगियों को सौंप देते हैं, जिसके बाद खुद पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा अब बांग्लादेश पुलिस की मदद लेकर भारत से फरार होकर बांग्लादेश में रह रहे आरोपियों पर भी शिकांजा कसने की तैयारी कर रही है.

तासीन के गिरोह की कमान रसेल ने संभाली थी गिरफ्तार आरोपी और वर्तमान में गिरोह का सरगना रसेल 2019 में भारत आया था. उस समय गिरोह का सरगना तासीम हुआ करता था. कुछ ही दोनों में रसेल तासीम का करीबी हो गया. इसी बीच 2021 में भारत में तासीम को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. इसके बाद तासीम ने रसेल को गिरोह की कमान सौंप दी और खुद पर्दे के पीछे रहकर मदद करने लगा.

देशभर में 10 से ज्यादा गिरोह सक्रिय

आरोपियों से पूछताछ के बाद सामने आया है कि दिल्ली-एनसीआर सहित देश में 10 से ज्यादा गिरोह सक्रिय है, जो अवैध रूप से लोगों की किड़नी प्रात्यारोपण का काम कर रहे हैं. यह गिरोह देश में कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों की मिलीभरत से यह काम कर रहे हैं.