सत्यपाल राजपूत, रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 14 हजार नगर सैनिक के पद स्वीकृत है. इनमें से रिक्त पदों पर भर्ती नहीं होने से केवल 7 हजार नगर सैनिक मात्र 13000 मानदेय पर नगर की सेवा कर रहे हैं. उच्च अधिकारी 24 घंटे उनका शोषण करते हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री मंत्री से मांग की है कि तत्काल रिक्त पदों की भर्ती कर मानदेय में वृद्धि की जाए.

छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जीआर चंद्रा और संरक्षक विजय कुमार झा ने बताया कि विगत चार-पांच साल से 13000 मासिक वेतन पर नगर सैनिक पूरे प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 14000 नगर सैनिकों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन दो-तीन साल से सीधी भर्ती ना होने के कारण वर्तमान में केवल 7000 नगर सैनिक कार्यरत हैं. इन नगर सैनिकों को 14000 नगर सैनिकों का काम करना पड़ता है. मानदेय में वृद्धि नहीं होने और पुलिस प्रशासन के कानून उन पर लागू होने के कारण स्वयं खाना बनाने, रहने, कपड़ा धोने आदि जीवनोउपयोगी कार्यों को भी उन्हें ही करना पड़ता है.

सीएम और गृहमंत्री से की मांग

हास्यास्पद स्थिति तब होती है, जब पूरे प्रदेश में शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है, तब इन अल्प वेतनभोगी निचले स्तर पर जन सेवा करने वाले नगर सैनिकों को 60 वर्ष में ही सेवानिवृत्ति दे दी जाती है. संघ के संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, संरक्षक अजय तिवारी, आलोक जाधव, प्रदीप उपाध्याय, प्रवक्ता विजय डागा, शेखर सिंह ठाकुर, सुनील जारोलिया, राजू गवई, विमल चंद कुंडू, विश्वनाथ ध्रुव, पितांबर पटेल, राजकुमार शर्मा, डॉ. अरुंधति परिहार, संजय झड़बड़े, सुनील शर्मा, प्रकाश ठाकुर, काजल चौहान रितु परिहार, आदि नेताओं ने नगर सैनिकों के सेवानिवृत्ति आयु को 62 वर्ष करने और शीघ्र मानदेय में वृद्धि कर, रिक्त पदों पर भर्ती करने की मांग की है. बूढ़ा तालाब में अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्षरत महिलाओं की नियुक्ति भी महिला नगर सैनिक के रूप में की जा सकती है. कर्मचारी नेताओं ने तदाशय की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से की है.

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