रांची। झारखंड के चाईबासा जिले में बुधवार-गुरुवार की रात पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में दो लाख रुपये का इनामी नक्सली मंगरा लुगून मारा गया है। मंगरा प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) से जुड़ा था और लंबे अरसे से चाईबासा, सरायकेला-खरसावां एवं खूंटी जिले में आतंक का पर्याय बना हुआ था। चाईबासा के एसपी अजय लिंडा ने मुठभेड़ में नक्सली के मारे जाने की पुष्टि की है।
बताया गया कि चाईबासा जिला अंतर्गत गोयलकेरा थाना क्षेत्र के सारोगाड़ा जंगल में नक्सलियों के दस्ते के जमा होने की सूचना के आधार पर सीआरपीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चला रही थी, तभी नक्सलियों ने अचानक पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने भी मोर्चा संभालकर जवाबी फायरिंग की। रात डेढ़ बजे के आस-पास शुरू हुई मुठभेड़ सुबह तक जारी रही। सुबह जंगल में नक्सली की लाश बरामद की गयी, जिसकी पहचान प्रारंभिक तौर पर मंगरा लुगून के रूप में की गयी है।
मंगरा लुगुन चाईबासा के पोड़ाहाट, गोयलकेरा सहित आस-पास के थाना क्षेत्रों में सक्रिय था। उसका आतंक ऐसा था कि पूरे इलाके में कोई भी निर्माण कार्य उसके दस्ते को लेवी दिये बगैर नहीं हो पाता था। वह ठेकेदारों और बालू घाट संचालकों से मोटी रकम वसूल करता था। उसके खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं।
बता दें कि झारखंड पुलिस ने पिछले दो महीनों के दौरान नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में जबर्दस्त सफलताएं हासिल की हैं। इस दौरान पूरे राज्य में 60 से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं। दो दिन पहले खूंटी पुलिस ने पीएलएफआई के दो नक्सलियों संतोष लोमगा और कड़िया हपदगड़ा को गिरफ्तार किया था। इसके पहले गुमला में रायडीह थाना की पुलिस ने इसी संगठन के13 नक्सलियों को एरिया कमांडर अर्जुन यादव के साथ गिरफ्तार किया था।