लंदन. चीन के वुहान शहर से निकला COVID-19 वायरस आज पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है. इस महामारी को तोड़ अब तक कोई भी नहीं निकाल पाया है. इसको लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है, ऐसे में बेल्जियम के एंडवर्प स्थित इंस्टीट्यूट फार ट्रापिकल मेडिसीन के पूर्व प्रमुख विषाणुशास्त्री (virologist) गुडो वेनहाम की राय भविष्य की तस्वीर प्रस्तुत करती है.

विषाणुशास्त्री गुडो वेनहाम कहते हैं कि यह विषाणु COVID-19 तब तक बना रहेगा, जब तक हम इसे खत्म नहीं करेंगे. और इस तरह के वायरस को खत्म करने का एकमात्र तरीका सभी इंसानों का टीकाकरण है, जिस तरह से हमने सालों पहले ‘छोटी माता’ (smallpox) के मामले में किया. इसी तरह COVID-19 वायरस के लिए भी टीकाकरण करना पड़ेगा.

वे कहते हैं कि COVID-19 कोरोना वायरस के परिवार से जुड़ा है. सवाल है कि यह अन्य वायरस की तुलना में कैसा व्यवहार करता है. यह मौसम के अनुसार फिर से आ सकता है. गर्मी की तुलना में अन्य मौसम में इसका असर ज्यादा देखने को मिल सकता है. अब देखना यह है कि यह किस तरह का व्यवहार करता है.

वेनहाम कहते हैं कि वायरस से स्पेन में 40 प्रतिशत और इटली में 26 प्रतिशत आबादी प्रभावित है. माना जाता है कि आप किसी बीमारी का कोई भी इलाज न हो तो 50 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करने के बाद उसके विषाणु का असर नैसर्गिक तौर पर कम होने लगता है. ऐसे में देखना होगा कि यह वायरस कितने लोगों को प्रभावित करता है.

वे कहते हैं कि COVID-19 से निपटने के लिए एंटीडोट बनाया जा रहा है, लेकिन हम नहीं जानते हैं कि वह कितना असरकारक है. और हमारे पास इस बात का प्रमाण भी नहीं है कि जो लोग इस वायरस से निजात पा चुके हैं, वे कब तक फिर बीमार नहीं होते हैं. इस महामारी का भविष्य इसी बात पर निर्भर रहेगा कि इसके खिलाफ हम किस अवधि तक का सुरक्षा कवच तैयार कर पाते हैं.