ENG vs IND 4th Test, Ravindra jadeja: सटीक बॉलिंग, बढ़िया बैटिंग और चुस्त फील्डिंग करने वाले रवींद्र जडेजा सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर्स में गिने जाते हैं. इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में उनके पास इतिहास रचने का सुनहरा मौका है.
ENG vs IND 4th Test, Ravindra jadeja: इंग्लैंड-भारत के बीच 23 जुलाई से शुरू होने वाला चौथा टेस्ट रोमांचक हो सकता है. यह सीरीज की दशा और दिशा तय करेगा, क्योंकि टीम इंडिया 1-2 से सीरीज में पिछड़ गई है. अब गिल सेना के सामने ‘करो या मरो’ वाली स्थिति है. यह मुकाबला उस खिलाड़ी के लिए भी खास होगा, जिसके मैदान में होने से विरोधी टीमें रणनीति बदल लेती हैं. ये कोई और नहीं बल्कि रवींद्र जडेजा हैं, जो मैनचेस्टर में होने वाले इस मुकाबले में कुछ खास करने जा रहे हैं. उनके पास एक खास उपलब्धि हासिल करने का मौका होगा. एक विकेट लेते ही जडेजा न्यूजीलैंड के एक दिग्गज को पीछे छोड़ देंगे.
ये कमाल कर सकते हैं रवींद्र जडेजा
दरअसल, रवींद्र जडेजा अब इंटरनेशनल क्रिकेट में एक और मुकाम की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने अब तक कुल 611 विकेट झटके हैं और वो इस आंकड़े के साथ न्यूजीलैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के बराबर खड़े हैं. यानी इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में जडेजा जैसे ही एक और बल्लेबाज़ को पवेलियन की राह दिखाएंगे वैसे ही वह बोल्ट को पीछे छोड़ देंगे और इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में एक पायदान ऊपर पहुंच जाएंगे.
इंटरनेशल क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट
- मुथैया मुरलीधरन (श्रीलंका) ने 495 मैचों में 1347 विकेट लिए.
- शेन वॉर्न (ऑस्ट्रेलिया) ने 339 मैचों में 1001 विकेट झटके.
- जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड) ने 401 मैचों में 991 विकेट हासिल किए.
- अनिल कुंबले (भारत) ने 403 मैचों में 956 विकेट लिए.
- ग्लेन मैकग्रा (ऑस्ट्रेलिया) ने 376 मैचों में 949 विकेट चटकाए.
- वसीम अकरम (पाकिस्तान) ने 460 मैचों में 916 विकेट अपने नाम किए.
- स्टुअर्ट ब्रॉड (इंग्लैंड) ने 344 मैचों में 847 विकेट लिए.
- शॉन पोलक (दक्षिण अफ्रीका) ने 423 मैचों में 829 विकेट झटके.
- वकार यूनुस (पाकिस्तान) ने 349 मैचों में 789 विकेट लिए.
- टिम साउदी (न्यूजीलैंड) ने 394 मैचों में 776 विकेट चटकाए.
इंग्लैंड के खिलाफ इस सीरीज में कैसा है जडेजा का प्रदर्शन?
इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में जडेजा का प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ रहा है. गेंदबाजी में उन्होंने तीन विकेट तो लिए ही हैं, लेकिन असली कमाल उन्होंने बल्ले से किया है. पिछली चार पारियों में उन्होंने लगातार चार अर्धशतक जड़े हैं, जो यह साबित करता है कि जडेजा अब सिर्फ गेंदबाज नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज भी बन चुके हैं. 3 मैचों की 6 पारियों में उन्होंने 109.00 की औसत से 327 रन किए.
लॉर्ड्स में जडेजा ने खेली थी यादगार पारी
लॉर्ड्स में हुए तीसरे टेस्ट में जडेजा ने 61 रनों की जुझारू पारी खेली थी, जहां उन्होंने अकेले दम पर भारत को जीत की दहलीज तक पहुंचाने की भरपूर कोशिश की. भले ही नतीजा भारत के पक्ष में न गया हो, लेकिन जडेजा का जुझारूपन और मैच पर पकड़ एक बार फिर साबित हो गई. उस मैच में भारत 22 रनों से हार गया था, क्योंकि दूसरे छोर पर कोई खिलाड़ी नहीं टिक पाया.
2012 से शुरू हुआ सफर, बना काबिलियत का पर्याय
रवींद्र जडेजा ने 2012 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया था. तब से लेकर आज तक, उन्होंने 83 टेस्ट मैचों में 3697 रन बनाए हैं और 326 विकेट चटकाए हैं. वनडे क्रिकेट में उनके नाम 231 विकेट हैं, जबकि टी20 इंटरनेशनल में भी वो 54 शिकार कर चुके हैं.
क्यों खास खिलाड़ी हैं रवींद्र जडेजा?
रवींद्र जडेजा को महज एक ऑलराउंडर कह देना उनके प्रभाव को छोटा करना होगा. वह मैदान पर वो खिलाड़ी हैं जो संकट में कप्तान की पहली पसंद बनते हैं. चाहे विकेट निकालने हों, रन बचाने हों या फिर दबाव में टिककर बल्लेबाजी करनी हो, जडेजा हर रोल में फिट बैठते हैं. उनकी फील्डिंग का स्तर तो इतना ऊंचा है कि कई बार वो अकेले ही मैच का रुख मोड़ सकते हैं.
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