शब्बीर अहमद, भोपाल। अपने काम और हुस्न को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली भोपाल में पदस्थ महिला डीएसपी नेहा पच्चीसिया (DSP Neha Pachisia) एक फिर से सुर्खियों में हैं। महिला डीएसपी नेहा पच्चीसिया के साथ इंजीनियर पति ने मारपीट की है। पति उनके घर में जबरदस्ती घुस गया और रोकने पर नेहा का सिर दीवार पर दे मारा। महिला डीएसपी की शिकायत पर हबीबगंज पुलिस ने आरोपी पति के खि नेहा पच्चीसिया कोलाफ मारपीट और धमकी देने का मामला दर्ज किया है। बता दें कि कोरोना काल में बेहद जिम्मेदारी से काम करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh) ने नेहा को सम्मानित किया था।

DSP नेहा पच्चीसिया भोपाल पुलिस मुख्यालय में पदस्थ हैं। वह पति से अलग चार इमली इलाके में रह रही हैं। बंगले पर आए पति को उन्होंने अंदर आने से मना किया। इसी बात पर दोनों में झगड़ा हो गया। इसी दौरान पति ने DSP को धक्का दे दिया, फिर उनका सिर दीवार पर दे मारा। हालांकि DSP को ज्यादा चोट नहीं आई है।

मामले में हबीबगंज थाना प्रभारी भान सिंह प्रजापति ने बताया कि नेहा ने पुलिस को बताया कि रविवार शाम पति कुणाल जोशी घर आए। घर में आने से रोकने पर विवाद करने लगे। इसी दौरान मारपीट करते हुए उन्होंने नेहा का सिर दीवार पर दे मारा। कुणाल जोशी छोला मंदिर इलाके में रहते हैं। नेहा का आरोप है कि उनका पति नशे का आदी है। वहीं पति ने कहा वह बच्चों से मिलने गए थे। पत्नी झूठे आरोप लगा रही है। दोनों की शादी वर्ष 2019 में हुई थी। अब कोर्ट में तलाक का मामला चल रहा है।

कोर्ट में चल रहा तलाक का केस

गौरतलब है कि DSP नेहा पच्चीसिया के जुड़वा बच्चे हैं। उनके पति कुणाल जोशी छोला मंदिर इलाके में रहते हैं. आरोप है कि पति नशे का आदी है। कोर्ट में दोनों के तलाक का मामला भी चल रहा है। उनके बच्चे नेहा के पास ही रहते है। फरवरी 2021 में नेहा का गुना से ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद उनके नाम से फेसबुक पर एक पोस्ट की गई थी, जिसमें लिखा था, ‘IG अविनाश शर्मा इज अवर कल्प्रिट ‘ यानी IG हमारे दोषी हैं। इस पोस्ट के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया था. फिर इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया. जिस वक्त ये घटनाक्रम हुआ उस अविनाश शर्मा ग्वालियर रेंज के आईजी थे।

CM कर चुके हैं सम्मान
कोरोना काल में बेहद जिम्मेदारी से काम करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेहा को सम्मानित किया था। विधानसभा चुनाव के दौरान भी कानून-व्यवस्था की स्थिति सामान्य रखने के लिए SP ने नेहा को प्रशस्ति पत्र दिया था। गुना में पदस्थापना के दौरान नेहा ने महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए तीन अलग डेस्क बनाई थीं। जहां सिर्फ महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई होती थी।

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