भारतीय सेना में नेपाल के गोरखा सैनिकों की भर्ती रुकने का इंग्लैंड फायदा उठाना दिख रहा है. ब्रिटिश आर्मी ने नेपाली मूल के गोरखा समुदाय के लिए नई गोरखा रेजीमेंट के गठन का ऐलान किया है. हालांकि, ब्रिटिश आर्मी में पहले से गोरखा रेजीमेंट है, लेकिन भारत में भर्ती बंद होने के बाद तोपखाने की नई रेजिमेंट बनाई जा रही है.
भारतीय सेना में गोरखा युवाओं की भर्ती बंद
भारत में अग्निवीर योजना के तहत नए सैनिकों की भर्ती होती है। इसका विरोध देश और नेपाली गोरखा सैनिकों ने किया था, जिसके बाद उन्हें भर्ती से बाहर कर दिया गया। बता दें कि, भारतीय सेना में गोरखा समुदाय की सात टुकड़ी है। इस रेजीमेंट में नेपाल और भारतीय मूल के गोरखा युवा शामिल हो सकते थे।
गौरतलब है कि गोरखा सैनिकों की भर्ती 1815 में ईस्ट इंडिया कंपनी के जामने से होती आ रही थी। उस वक्त इस रेजिमेंट को गोरखा राइफल्स के नाम से जाना जाता था, लेकिन भारत की आजादी के बाद इसे गोरखा रेजिमेंट के नाम से जाना जाने लगा। इस दौरान भारत, नेपाल और अंग्रेजों के बीच एक समझौता हुआ, इसके तहत भारत में गोरखा सैनिकों की भर्ती होती रहेगी। बता दें कि हर साल 1200 से 1300 नए गोरखा भारतीय सेना में शामिल होते थे। इस रेजिमेंट का एक आदर्श नारा है “कायर हुनु भन्दा मर्नु राम्रो” यानी “कायर होने से मरना बेहतर है”।
ब्रिटेन ने की नई गोरखा रेजिमेंट बनाने की घोषणा
ब्रिटिश आर्मी ने नई आर्टिलरी (तोपखाने) की नई गोरखा रेजिमेंट बनाने की घोषणा की है. इसके लिए इंग्लैंड के किंग ने अपनी अनुमति प्रदान कर दी है. ऐसे में इसे किंग्स गोरखा आर्टिलरी (केजीए) के नाम से जाना जाएगा.
अगले चार साल में इंग्लैंड की केजीए रेजिमेंट में करीब 400 सैनिकों के भर्ती होने की संभावना है. केजीए के बैज में नेपाल की दो खुखरी को दिखाया गया है. साथ ही आर्टिलरी की एक तोप को भी दर्शाया गया है.
क्या है अग्निवीर योजना
बता दें कि, साल 2022 में भारतीय सेना में युवाओं की भर्ती को पूरी तरह बदल दिया गया था. नई प्रक्रिया के तहत, अब भारतीय सेना में अग्निपथ योजना को लागू कर दिया गया है. ऐसे में सैनिकों को पहले चार (04) साल सेना में अग्निवीर के तौर पर अपनी सेवाएं देनी होती है. चार साल की सेवाओं के बाद, अग्निवीरों की स्क्रूटनी की जाएगी और उनमें से महज 25 फीसदी ही सैनिक बनने के लिए चुने जाएंगे. बाकी अग्निवीरों को सेना छोड़कर एक आम नागरिक की तरह दूसरे सेवाओं या व्यवसाय करने का मौका दिया जाएगा.
भारतीय सेना में 40 हजार गोरखा सैनिक हैं
नेपाल सरकार ने भारतीय सेना की अग्निपथ स्कीम का विरोध किया है. आजादी के बाद (1947) भारतीय सेना में नेपाल के गोरखा युवाओं की भर्ती का क्रम जारी था. इस समय भारतीय सेना की गोरखा सैनिकों की 07 अलग-अलग रेजिमेंट है (39 बटालियन). इनमें करीब 40 हजार गोरखा सैनिक हैं. जिनमें से करीब 60 फीसदी नेपाल मूल के सैनिक हैं, लेकिन पिछले तीन सालों से नेपाल के गोरखा सैनिकों की भर्ती लगभग बंद हो चुकी है. नेपाल सरकार और गोरखा समुदाय का कहना है कि, अब भारतीय सेना में जाने पर भविष्य को लेकर अनिश्चितता की स्थिति आ गई है. ऐसे में वे बेहतर भविष्य को देखते हुए ब्रिटिश आर्मी में जाना पसंद करेंगे.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक