रायपुर. मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की तारीख बढ़ा दी गई है. अब वोटर्स 31 अगस्त तक अपना नाम जुड़वा सकेंगे. छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू प्रेस कांफ्रेंस लेकर इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया है.

बता दें कि पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण की तारीख आगे बढ़ाने के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखा था. उस पत्र के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ के लिए ये स्पेशल परमिशन दी है.

आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग की तरफ से विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान के घोषित कार्यक्रम के अनुसार 31 जुलाई 2018 से आज तक वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की आखिरी तारीख थी. भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा था कि राज्यपाल बलरामदास टंडन और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर दो अलग-अलग दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गयी. छुट्टी की वजह से पुनरीक्षण का काम प्रभावित हुआ, इसलिए आखिरी तारीख बढ़ायी जानी चाहिये.

साथ ही आपको बता दें कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने विधानसभा चुनाव 2018 को लेकर आज प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने बताया कि जिन मतदाताओं के नाम नहीं जुड़ पाए वे ऑन लाइन आवेदन कर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं.

उन्होंने बताया कि अब तक कुल मतदाताओं की संख्या कुल 1 करोड़ 81 लाख 79 हजार 4 सौ 35. इसमें पुरुष मतदाता 91 लाख 46 हजार 99 है, जबकि महिला मतदातओं की संख्या 90 लाख 32 हजार 505 है. वहीं इस बार 8 सौ 31 थर्ड जेंडर के भी मतदाता हैं. 35 हजार 150 बैलेट यूनिट और 29 हजार 3 सौ कंट्रोल यूनिट प्राप्त हो चुकी है. वहीं इतने ही वीवीपैट मशीन भी लगाए जाएंगे. 30 हजार 4 सौ 35 वीवीपैट प्राप्त हो चुके हैं. 16 हजार 9 सौ 86 वीवीपैट का ट्रायल लिया जा चुका है. वहीं वीवीपैट को लेकर शहर लेकर गांव तक में मतदाओं को जागरूक करने इसका प्रदर्शन किया जा रहा है. सरकारी कार्यालय, प्राइवेट ऑफिस, बाजार-हाट, दुकान-मॉल, कॉलेज में इसका ट्रायल कराया जा रहा है.

इस वर्ष 66,509 हजार लोगों ने नाम बदलने के लिए आवेदन किया है. पहले चरण का अधिकारी-कर्मचारियों का प्रशिक्षण का कार्य पूरा हो चुका है. सभी विधानसभा क्षेत्रों में मास्टर ट्रेनर नियुक्त कर दिए गए हैं. मतदान केन्द्रों की संख्या में इस वर्ष वृद्धि हुई है. इस वर्ष हर विधानसभा क्षेत्रों में ग्रामीण स्तर में 12 सौ और शहरी क्षेत्रों में 14 सौ की वृद्धि मतदाताओं की हुई है. वहीं मतदान केन्द्रों में वृद्धि के साथ भवन और स्थान में परिवर्तन भी हुए हैं. सभी परिवर्तन राजनीतिक दलों की सहमति के साथ किया गया है