नई दिल्ली। ये कोरोना कितना बेरहम है. न रिश्ते देख रहा न नाते देख रहा. सबका एक-एक कर दम तोड़ते जा रहा है. देश के हर कोने, हर कस्बे से कोरोना से निकलने वाली कराह सुनाई दे रही है. हर तबका इस बेरहम कातिल से खौफजदा है. हर कोई इसके तबाही से गमजदा है. अस्पताल से लेकर घरों तक कोरोना से चीख-पुकार मची हुई है. देशभर में त्राहीमाम का माहौल है. हाल ही में गुजरात में बेरहम कोरोना ने एक पिता को निगल लिया. इसका सदमा पूरा परिवार नहीं सह सका. पिता की कोविड से मौत के बाद पूरे परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली.

रिश्तों का भी दम तोड़ रहा बेरहम कोरोना

दरअसलदेशभर में कोरोना वायरस की दूसरी लहर नियंत्रण से बाहर हो गई है. इसमें भी सौराष्ट्र में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. देवभूमि द्वारका जिले में कोरोना की वजह से अब तक कई लोग अपने परिवार के परिजन को खो चुके हैं. अब ताजा मामला द्वारका के एक ऐसे परिवार का है जहां पर पिता की कोरोना से मौत के बाद पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली.

पूरा परिवार खौफजदा

द्वारका में रहने वाले जयेश भाई जैन नाश्ते की दुकान चलाते थे. बेरहम कोरोना की चपेट में आने के बाद गुरुवार रात उनका निधन हो गया. निधन की खबर सामने आने पर पूरे परिवार में डर का माहौल पैदा हो गया. शुक्रवार सुबह जयेश भाई का अंतिम संस्कार करने के बाद उनकी पत्नी साधना बेन और दो बेटे कमलेश और दुर्गेश जैन ने भी आत्महत्या कर ली.

जहर खाकर खुद को मार लिया

बताया गया कि तीनों ने जहर खाकर खुद को मार लिया. अब इस घटना का खुलासा भी तब हुआ जब दूधवाला घर आया और उसके घर का दरवाजा खुला पाया. जमीन पर ही परिवार के तीनों सदस्यों के शव पड़े थे. इसके बाद तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और मामले की जांच शुरू हुई. मौके पर पहुंची टीम ने शव को कब्जे में लेकर सामूहिक आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया है.

परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या

देवभूमि द्वारका में हुई इस घटना ने सभी को सकते में डाल दिया है. कोरोना काल में जब पहले से ही स्थिति इतनी खतरनाक बनी हुई है, उस बीच ऐसे सामूहिक आत्महत्या की घटना होना सभी को खौफजदा कर गया है. पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है और डर का एक माहौल साफ महसूस किया जा सकता है. बताया गया है कि जयेश भाई जैन का पूरा परिवार भी काफी डरा हुआ था. जब से जयेश भाई का कोरोना से निधन हुआ था, पूरा परिवार चिंता में आ गया था. ऐसा कहा जा रहा है कि परिवार उस गम को बर्दाश्त नहीं कर पाया और सामूहिक आत्महत्या करने का फैसला ले लिया.

महामारी का डर भी खतरनाक

गुजरात के कोरोना मीटर की बात करें तो राज्य कोविड का एक बड़ा एपीसेंटर बना हुआ है. लगातार ताबड़तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं और मौतें भी इतनी ज्यादा हो रही हैं कि अब श्मशान घाटें छोटी साबित हो रही हैं. बिगड़ती परिस्थितियों के बीच द्वारका से आई ये खबर लोगों को और ज्यादा दशहत में डालने वाली साबित हो रही है. इस घटना के बाद ये भी कहा जा रहा है कि सिर्फ महामारी से मौत नहीं हो रही है बल्कि इस महामारी से पैदा हुआ डर भी लोगों की जान ले रहा है.

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