दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में ठंड ने दस्तक दी है. रात से ही कई इलाकों में कोहरा छाया हुआ है और लोगों को हल्की ठंड का अनुभव होने लगा है. उत्तर भारत के अधिकतर इलाकों में इस मौसम में अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला है, क्योंकि धुंध ने दृश्यता को कम कर दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली में सुबह धुंध की चादर छाई हुई है और शहर की वायु गुणवत्ता “बहुत खराब” श्रेणी में है, जबकि हिंडन एयरपोर्ट और पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर सुबह 6 बजे 100 मीटर विजिबिलिटी थी.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने इससे पहले कहा, ‘‘हर साल मौसमी हवाओं और तापमान में गिरावट की एक प्रवृत्ति सर्दियों की शुरुआत के साथ बनती है. लेकिन इस साल वे स्थितियां अभी तक नहीं बनी हैं.’’“उत्तरी हवा का प्रवाह और पश्चिमी विक्षोभ अभी पूरी तरह से सक्रिय नहीं हुए हैं, हालांकि हम उम्मीद करते हैं कि 17 नवंबर के आसपास यह प्रवृत्ति बदल जाएगी, जिसके बाद तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी,”
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह के समय कोहरे की एक परत छाई रही, और दिन में आर्द्रता का स्तर 64 से 96 प्रतिशत के बीच रहा. मौसम विभाग ने बताया कि बुधवार सुबह आसमान साफ रहेगा और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रहेगा.
साथ ही, दिल्ली-NCR का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) चिंता का विषय बना हुआ है. दिल्ली-NCR का AQI पिछले कुछ दिनों से बहुत बुरा है और कई जगह गंभीर है. इस बीच, लोग अनिश्चित हैं कि ये स्मॉग है या कोहरा (Fog). दरअसल, सर्दी बढ़ने के साथ-साथ दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चिंता है.
13 नवंबर की सुबह 6 बजे, दिल्ली का औसत AQI 349 था, जो बहुत बुरी कैटेगरी में था. वहाँ हल्की ठंड के साथ कोहरा है. दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर इलाकों में स्मॉग और कोहरे की धुंध है.
स्मॉग और कोहरे में क्या अंतर है?
कोहरा और स्मॉग बहुत अलग हैं, दोनों आसमान में छाने वाले धुंध से संबंधित हैं. फॉग हवा में तैरती पानी की बहुत छोटी बूंदों से बना है. लेकिन स्मॉग धुएं और धूल का एक साथ होता है. कोहरे भी सफेद होते हैं, और स्मॉग हल्का ग्रे या भूरा हो सकता है. जब मौसम ठंडा होता है और आद्रता बढ़ती है, तो आसमान में कोहरा बढ़ता है. दूसरी ओर, स्मॉग प्रदूषण के बढ़ने से होता है.
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण और आसमान में धुंध के कई कारण हैं, जिनमें वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्य, औद्योगिक प्रदूषण और पराली जलाना शामिल हैं. दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने वाहनों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए ऑड-इवन योजनाओं, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और पराली जलाने पर कड़े प्रतिबंध शामिल है.
AQI क्या है?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को एक मानक बताया है जो वायु की गुणवत्ता को मापता है. इसमें नाइट्रोज़न ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा मापी जा सकती है. दिल्ली में पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर स्पष्ट रूप से बढ़ रहे हैं. ये छोटे कण फेफड़ों तक सांस के माध्यम से पहुंचते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनते हैं.
एयर क्वालिटी का मूल्यांकन कैसे किया जाता है?
AQI को एक क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स जीरो से 50 के बीच होता है. 51 से 100 AQI को “संतोषजनक”, 101 से 200 को “मध्यम” और 201 से 300 को “खराब” माना जाता है. वहीं, AQI 301 से 400 के बीच होने पर “बहुत खराब” माना जाता है, और 401 से 500 के बीच होने पर “गंभीर” माना जाता है.
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