अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत में तीसरे मोर्चे की एंट्री हो गई है। 15 दलों से मिलकर बने ‘अपनी सरकार बनाओ-संविधान बचाओ मोर्चा’ ने प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इससे सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती है।
दरअसल, करीब 15 दलों ने मिलकर ‘अपनी सरकार बनाओ-संविधान बचाओ मोर्चा’ बनाया है। खास बात ये है कि इसमें कांग्रेस और बीजेपी को एंट्री नहीं है। भोपाल के गांधी भवन में बुधवार को बड़ी बैठक हुई। हालांकि इस बैठक में 8 दल के नेता ही मौजूद रहे। बैठक में प्रदेश में होने वाले आगामी चुनाव को लेकर चर्चा हुई।
अपनी सरकार बनाओ -संविधान बचाओ की बैठक में तीसरे मोर्चे के नेताओं ने कहा कि बीजेपी-कांग्रेस तीसरे मोर्चे का उदय नहीं चाहतीं। बहुजन समाज के लोग ये नहीं जानते की बीजेपी और कांग्रेस असल में उनका भला नहीं चाहतीं। बीजेपी और कांग्रेस ने ऐसे समाजों को बस वोट बैंक समझा है। हम लोग अलग-अलग भले ही कमज़ोर है, लेकिन एक साथ आकर हम हमारी सरकार बनाएंगे। पूरी 230 विधानसभा पर लड़ने को हम तैयार हैं और सिस्टम भी पूरी तरह तैयार है।
प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा
अपनी सरकार बनाओ -संविधान बचाओ मोर्चा ने प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया है। हालांकि नए मोर्चे का अधिक फोकस आदिवासी बाहुल्य 80 सीटों पर रहेगा। आदिवासी क्षेत्रों में तीसरा मोर्चा अधिक ध्यान देगा।
तीसरे मोर्चे की एंट्री से बीजेपी को होगा ख़ासा नुक़सान
कांग्रेस मीडिया प्रभारी के के मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को कोई परेशानी हो ये बात पूरी तरह अकल्पनीय हैं। हम तो विपक्ष में बैठे हुए हैं परेशानी होगी सरकार को.. ऐसे मोर्चे का जो उद्देश्य है संविधान बचाने का है। वो संविधान बचाने के लिए बात कर रहे हैं। हमारा भी वहीं उद्देश्य है। हमारी वैचारिक समानता है हमें कोई नुक़सान नहीं होगा। हम बस इतना चाहते है कि ये मोर्चे कुछ ऐसा ना करे कि बीजेपी को फायदा हो। ऐसे मोर्चे को हमारे साथ क़दमताल कर के चलना चाहिए।
ऐसे मोर्चे कांग्रेस की गोद में खेलते हैं
तीसरे मोर्चे की एंट्री को लेकर बीजेपी ने कहा कि ऐसे मोर्चे कांग्रेस की गोद में खेलते हैं। प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने और लड़ाने का अधिकार है। ये दल कांग्रेस गोदी में जाकर क्यों बैठ जाते हैं। क्यों गोदी में खेलना चाहते हैं। प्रभाव में न आएं, अगर दम है तो ज़मीन पर ज़ोर लगाए।
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ये दल आए एक साथ
नए मोर्चे में ‘परिवर्तन पार्टी ऑफ़ इंडिया’, इंक़लाब विकास दल, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) भारतीय गोंडवाना पार्टी, जन विकास पार्टी और आदिवासी संगठन जयस शामिल है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले प्रदेश की राजनीति में हलचल देखी जा रही है। बीजेपी और कांग्रेस को तोड़ने के लिए 15 दलों ने मिलकर तीसरा मोर्चा बनाया है।
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