दीपक ताम्रकार,डिंडोरी। मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा में मिल रहे गंदे नालों को लेकर अब मुहिम तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार डिंडोरी जिला मुख्यालय से होकर प्रवाहित मां नर्मदा में लंबे अरसे से 7, 8 नालों की गंदगी नर्मदा में मिल रही हैं जिसके चलते लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। प्रदूषण के चलते नर्मदा भक्तों की आस्था और श्रद्धा पर ठेस पहुंच रही है, वहीं शासन-प्रशासन द्वारा नर्मदा नदी को प्रदूषणमुक्त बनाने के सरकारी प्रयास और दावों की भी पोल खुलती नजर आ रही है। 15 वार्डों व आसपास के ग्राम पंचायतों के घरों से निकलने वाली हर तरह की गंदगी सीधे नर्मदा नदी में मिल रही है।

कुछ माह पूर्व अधिवक्ता सम्यक् जैन, मनन अग्रवाल एवं धीरज तिवारी ने एनजीटी (NGT) दिल्ली में मामला दर्ज कराया था। अधिवक्ता सम्यक् जैन एवं अन्य ने एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली की मुख्य पीठ में मामला दर्ज करा नर्मदा के संरक्षण के लिए समुचित कदम उठाने की मांग की थी। मांग के बाद न्यायालय ने मामले को संज्ञान लेते हुए पाया की प्रथम दृष्टया याचिका में लगाए गए आरोप अधिनियमों के क्रियान्वयन से उत्पन्न होने वाले पर्यावरण से संबंधित राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की अनुसूची 1 में निर्दिष्ट के अनुरूप पाया। आवेदन में लगाए गए आरोपों को देखते हुए एनजीटी ने नर्मदा प्रदूषण की तथ्यात्मक स्थिति के सत्यापन के लिए संयुक्त समिति का गठन किया हैं। वही टीम 17 नवंबर को डिंडोरी निरीक्षण करने आएगी।

संयुक्त समिति में 1. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के प्रतिनिधि, 2. प्रमुख सचिव, शहरी विकास विभाग, मध्यप्रदेश, 3. उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी प्राधिकरण, भोपाल, मध्यप्रदेश 4. सीपीसीबी, 5. राज्य पीसीबी, 6. मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद डिंडोरी 7. कलेक्टर डिंडोरी, को दो सप्ताह के भीतर बैठक करने, स्थल का दौरा करने, शिकायतों को देखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही आवेदक की उपस्थिति में नगर परिषद, डिंडोरी सहित संबंधित परियोजना प्रस्तावक तथ्यात्मक स्थिति का सत्यापन करते हुए एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा हैं।

शिकायतकर्ता

राज्य पीसीबी को बनाया नोडल एजेंसी
राज्य पीसीबी समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होगी। कार्यपालक अधिकारी, नगर परिषद डिंडोरी सहित संबंधित परियोजना प्रस्तावकों को उनका अनुपालन करने में सक्षम बनाने के लिए संयुक्त समिति या फाइल की रिपोर्ट में सिफारिशें उसी में निहित टिप्पणियों/सिफारिशों के खिलाफ आपत्तियां और यदि वांछित हो तो एनजीटी के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने के निर्देश दिए है ।

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