शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में कृषि विभाग के तीन अधिकारियों के खिलाफ EOW ने धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है। दरअसल, अधिकारियों ने किसान का फर्जी अंगूठा लगाकर सब्सिडी की रकम निकाल ली थी। 13 साल बाद ईओडब्ल्यू ने फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की मदद से वेरीफाई किया। जिसमें धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
साल 2010-11 में माइक्रो इरिगेशन योजना मेंअंतर्गत ड्रिप सिस्टम लगाने के नाम पर आवेदक भूरला का दतावेज तैयार किए गए। जो 9 अक्टूबर 2010 को हितग्राही किसान भूरला कि उपस्थिति में उसके खेत पर ड्रीप सिस्टम लगे होने का भौतिक सत्यापन प्रमाण पत्र पर किसान भूरला की अंशदान की राशि 32 हजार 441 रूपए की डीडी भारतीय स्टेट बैंक पर, फॉर्म राजबाला इरिगेशन सिस्टम से किसान भुरला को ड्रीप साम्रगी कुल 92 हजार 172 रुपए प्रदान हुई।
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जिसमें किसान का अंगूठा लगवाया गया। लेकिन जब पैसे निकाले गए तो वो निशान किसान के अंगूठे के नहीं पाए गए। जिसे लेकर EOW ने ग्रामीण विकास अधिकारी सहायक ग्रामीण विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारी पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।
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