रायपुर- बहुचर्चित नान घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में आवेदन लगाकर के के बारीक को अभियुक्त बनाए जाने की मांग की है. सूत्र बताते हैं कि विशेष न्यायाधीश लीना अग्रवाल की कोर्ट में आवेदन लगाते हुए ईओडब्ल्यू ने कहा है कि बारीक के कंप्यूटर से मिले कुछ अहम पन्नों की जांच नहीं की गई, जबकि इन पन्नों में कई प्रभावशाली लोगों के नाम शामिल हैं. सूत्र इस बात की तस्दीक करते हैं कि ईओडब्ल्यू ने कोर्ट से कहा है कि बारीक के कंप्यूटर से मिले पन्नों में पूर्व मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनकी पत्नी का भी नाम लिखा गया है. बताते हैं कि ईओडब्ल्यू ने कोर्ट को यह भी बताया है कि के के बारीक से पूछताछ के दौरान उसने अपने बयान में कहा है कि डायरी के पन्नों में लिखा गया सीएम मैडम का मतलब पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ही है.
सूत्र बताते हैं कि नान घोटाला फूटने के बाद  के के बारीक को भी अभियुक्त बनाया गया था, लेकिन बाद में उसके खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने की दलील के साथ राहत दे दी गई. हालांकि चर्चा है कि तब के के बारीक को बचा लिया गया था. जांच नए सिरे से आगे बढ़ी, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. ईओडब्ल्यू को कुछ ऐसे पन्ने हाथ लगे, जिन पर जांच की ही नहीं गई. आरोप लगा कि इन दस्तावेजों में प्रभावशाली लोगों के नाम शामिल थे, इसलिए इन पन्नों को जांच के दायरे से बाहर रखा गया. कहा यह भी जा रहा है कि बारीक के घर से जब्त नगदी रकम, संपत्ति के दस्तावेज की जब्ती पत्रक को अभियोग पत्र में लगाया गया, लेकिन असमानुपातिक संपत्ति अर्जित करने के संबंध में किसी तरह की विवेचना नहीं की गई. 
गौरतलब है कि सत्ता में कांग्रेस सरकार के आने के बाद नान घोटाले की नए सिरे से जांच का ऐलान किया गया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया, जिसका जिम्मा ईओडब्ल्यू के आईजी एसआरपी कल्लूरी को सौंपा गया. कल्लूरी के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम तैयार की गई, जो पूरे मामले की नए सिरे से पड़ताल कर रही है. एसआईटी 11 बिंदुओं के आधार पर जांच कर रही है.