देशभर के करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और नई शुरुआत की खबर आई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अब अपने सदस्यों को ATM या UPI के जरिए PF खाते से पैसे निकालने की सुविधा देने जा रहा है. इस नई योजना की घोषणा करते हुए केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि इस प्रक्रिया को जुलाई 2025 तक लागू किया जा सकता है.

इस सुविधा के लागू होने के बाद PF खाताधारक डेबिट कार्ड के ज़रिए सीधे अपने PF खाते से पैसे निकाल सकेंगे, जैसे बैंक खाते से निकाले जाते हैं.
डेबिट कार्ड से PF निकासी: क्या है नई व्यवस्था?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, EPFO जल्द ही “PF निकासी कार्ड” जारी कर सकता है, जो बैंक ATM कार्ड जैसा होगा. इस कार्ड के ज़रिए यूजर अपने PF खाते से एक तय सीमा तक कैश निकाल सकेंगे. यह सुविधा खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए फ़ायदेमंद होगी जो इमरजेंसी में पैसे निकालना चाहते हैं लेकिन लंबी प्रक्रिया के कारण रुक जाते हैं.
इसका उद्देश्य यह है कि रिटायरमेंट फंड सुरक्षित रहे और जरूरत के समय फंड भी मिल सके. कार्ड आधारित निकासी के अलावा आने वाले दिनों में पीएफ अकाउंट के जरिए यूपीआई निकासी की सुविधा भी शुरू की जा सकती है.
72 घंटे में पीएफ अकाउंट से निकाल सकेंगे ₹5 लाख
नई सुविधा के साथ ही सरकार ने एक और बड़ा अपडेट दिया है- अब जरूरत पड़ने पर आप 72 घंटे (3 दिन) में अपने पीएफ अकाउंट से ₹5 लाख तक निकाल सकेंगे. पहले यह सीमा ₹1 लाख थी. इन दावों को ऑटो सेटलमेंट सिस्टम के तहत प्रोसेस किया जाएगा.
ऑटो सेटलमेंट में पीएफ दावों को मानवीय हस्तक्षेप के बिना सॉफ्टवेयर द्वारा प्रोसेस किया जाता है. अगर यूएएन, आधार, पैन और बैंक अकाउंट सही तरीके से लिंक हैं और केवाईसी अपडेट है तो बिना देरी के 3-4 दिन में क्लेम क्लियर हो जाता है.
क्या है यूपीआई-पीएफ लिंकिंग?
पीएफ यूपीआई इंटीग्रेशन की दिशा में भी तेजी से काम चल रहा है. आने वाले महीनों में खाताधारक अपने पीएफ अकाउंट को यूपीआई प्लेटफॉर्म से लिंक कर सकेंगे.
इससे वे पीएफ खाते से सीधे अपने बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे. यह खास तौर पर तब मददगार होगा जब मेडिकल इमरजेंसी, शादी, शिक्षा या हाउस लोन जैसी वजहों से पैसे की जरूरत होगी.
मैन्युअल सेटलमेंट अब पिछड़ रहा है
ऑटो सेटलमेंट जहां 3 से 4 दिन में पूरा हो जाता है, वहीं मैनुअल क्लेम सेटलमेंट में 15-30 दिन लगते हैं. इस प्रक्रिया में ईपीएफओ कर्मचारी दस्तावेजों की जांच करते हैं. आवेदन फॉर्म 19, 31 या 10सी के जरिए किया जाता है और केवाईसी में कोई कमी या एग्जिट डेट मिस होने पर क्लेम अटक सकता है.
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